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अभिभावकों ने कहा मनमानी करने वाले स्कूलों की रद्द हो मान्यता Dhanbad News

राज्य सरकार का आदेश नहीं मानने वाले स्कूलों की संबद्धता खत्म हुई चाहिए। झारखंड अभिभावक संघ की ओर से पूर्व निर्धारित चरणबद्ध आंदोलन के दौरान अभिभावकों ने कहा। पहले दिन बुधवार को संघ की ओर से वर्चुअल धरना का आयोजन किया गया था।

By Atul SinghEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 04:52 PM (IST)
अभिभावकों ने कहा मनमानी करने वाले स्कूलों की रद्द हो मान्यता Dhanbad News
राज्य सरकार का आदेश नहीं मानने वाले स्कूलों की संबद्धता खत्म हुई चाहिए। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : राज्य सरकार का आदेश नहीं मानने वाले स्कूलों की संबद्धता खत्म हुई चाहिए। झारखंड अभिभावक संघ की ओर से पूर्व निर्धारित चरणबद्ध आंदोलन के दौरान अभिभावकों ने कहा। पहले दिन बुधवार को संघ की ओर से वर्चुअल धरना का आयोजन किया गया था।

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जिसके माध्यम से अभिभावकों ने अपनी मांगों प्ले कार्ड में लिखे स्लोगन के साथ रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने बताया कि राज्य के विभिन्न स्कूलों द्वारा राज्य सरकार के आदेश के बावजूद इस कोरोना कॉल में विभिन्न तरह का शुल्क वसूला है जिसका हम विरोध करते हैं।

चरणबद्ध आंदोलन का दूसरा कार्यक्रम 28 मई है जिस दिन काला दिवस मनाते हुए सुबह 11 से 12 बजे तक फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब लाइव के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आज के वर्चुअल धरना में लगभग सभी अभिभावको ने एक स्वर में कहा कि राज्य सरकार का आदेश को न मानकर स्कूल अपनी मनमानी कर रहे है वैसे स्कूलों की संबद्धता खत्म हुई चाहिए।

धरना गूगल मीट एप के माध्यम से चला जिसमे काफी संख्या में अभिभावकों ने भाग लेकर अपनी बातों को रखा। कार्यक्रम में मुकेश कुमार, संजय यादव, प्रिया कुमारी, जितेन्द्र कुमार, दिनेश वर्मा, भास्कर सुमन, लक्ष्मण सिंह, राजीव सिन्हा, अंजू कुमारी, प्रदीप सिंह, संतोष सिंह सहित अन्य काफ़ी संख्या में अभिभावक शामिल हुए।

संघ की मांग

- सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 को लागू करे।

- झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) द्वारा 25 मई 2020 को जारी आदेश को लागू करे।

- सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस को विद्यालय अपनी वेबसाइट  पर अपलोड करें।

- कोई भी विद्यालय फीस के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित न करें।

- अपने ही विद्यालय के छात्रों का क्लास ग्यारहवीं में अथवा किसी कक्षा में री एडमिशन बंद करें और उनसे वर्तमान सत्र में  ली गई राशि वापस की जाए।


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