यह आंदोलन की शुरुआत, सरकार को जवाब देना होगा
जागरण संवाददाता धनबाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल के परीक्षा परिणाम का विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज करना सरकार व जिला प्रशासन की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई है। उससे भी बड़ा दुर्भाग्य अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की ओर से छात्र-छात्राओं को दी गई भद्दी-भद्दी गालियां हैं। इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भाजपा के विधायक सदन में इस मुद्दे को प्रमुखता व प्रखरता से उठाएंगे। मंगलवार को जैक के अध्यक्ष अरविद सिंह से मिलेंगे और उनसे परिणाम का पुनर्प्रकाशन की मांग करेंगे।
- भाजपा की चार सदस्यीय प्रदेश स्तरीय समिति ने घायल छात्र-छात्राओं से की मुलाकात, कहा- सरकार ने करवाया बर्बर हमला, जैक को परिणाम बदलना होगा
जागरण संवाददाता, धनबाद : झारखंड एकेडमिक काउंसिल के परीक्षा परिणाम का विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज करना सरकार व जिला प्रशासन की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई है। उससे भी बड़ा दुर्भाग्य है कि अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की ओर से छात्र-छात्राओं को भद्दी-भद्दी गालियां दी गई हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भारतीय जनता पार्टी के विधायक सदन में इस मुद्दे को प्रमुखता व प्रखरता से उठाएंगे। मंगलवार को जैक के अध्यक्ष अरविद सिंह से मिलेंगे और उनसे परिणाम का पुनर्प्रकाशन की मांग करेंगे। जैक को हर हाल में संशोधित परिणाम प्रकाशित करना होगा।
यह कहना था पूर्व मंत्री सीपी सिंह का। धनबाद परिसदन में पत्रकार वार्ता में सिंह ने कहा कि भाजपा का प्रदेश नेतृत्व लाठीचार्ज की घटना से आहत है और इसे गंभीरतापूर्वक लिया है। हम सदन से लेकर सड़क तक छात्र-छात्राओं के साथ संघर्ष करेंगे। यह आंदोलन की शुरुआत है। लाठीचार्ज क्यों किया, सरकार को इसका जवाब देना होगा।
कंपार्टमेंटल परीक्षा कोई समाधान नहीं : पूर्व मंत्री ने कहा कि परीक्षा परिणाम को लेकर केंद्र सरकार ने स्पष्ट फार्मूला तय किया था। इसे सभी राज्य सरकारों ने सहमति दी थी। इसी फार्मूला के तहत सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं का परिणाम प्रकाशित किया। कहीं कोई विरोध नहीं हुआ। इसमें साफ कहा गया था कि किसी छात्र को आपत्ति हो तो वह आवेदन करे, उससे परीक्षा ली जाएगी। जैक ने ऐसा कुछ नहीं किया। अब कह रहा कि कंपार्टमेंटल एग्जाम दीजिए। यह कोई समाधान नहीं बल्कि जैक की अकर्मण्यता है। सिंह ने कहा कि आज जिन घायल व आंदोलन में शामिल छात्र-छात्राओं से मिले उनमें से कई ने बताया कि उन्हें शून्य अंक मिले हैं। किसी को उस विषय में फेल किया गया जो उनका था ही नहीं। यह गलतियां जैक को माननी होगी।
छात्र-छात्राओं ने दी आत्महत्या की चेतावनी :
सीपी सिंह ने बताया कि रांची से आई चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावित छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। जिला प्रशासन के दुर्व्यवहार की वजह से वे अवसादग्रस्त हो गए हैं। इनमें सूरज कुमार, सोनू कुमार व श्रुति कुमारी ने आत्महत्या तक की धमकी दी है। हमने उन्हें समझाया है।
एसडीओ को तत्काल बर्खास्त करें :
प्रतिनिधिमंडल ने एसडीओ सुरेंद्र कुमार के क्रियाकलापों को गलत बताते हुए कहा कि सरकार को तत्काल इसका संज्ञान लेना चाहिए। उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। दूसरे दिन लाठीचार्ज बिना प्रशासन की अनुमति के पुलिस अधिकारियों की ओर से की गई। उन्हें भी हटाना चाहिए।
घायल का लिया हालचाल :
शुक्रवार व शनिवार को छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना की जानकारी लेने भाजपा का प्रतिनिधि मंडल रविवार को धनबाद पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री सीपी सिंह, अमर कुमार बाउरी, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू व डा. प्रदीप वर्मा शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने सांसद पीएन सिंह, विधायक राज सिन्हा, ढुलू महतो, अपर्णा सेनगुप्ता, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल व भाजपा महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह के साथ लाठीचार्ज में घायल छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली। एसएनएमएमसीएच जाकर घायलों से भी मिले। बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अंशु तिवारी, अभिनव को हाथ-पैर, पीठ पर गंभीर चोट आई है। कई और कार्यकर्ता भी घायल हैं।
मंत्री को मिलना चाहिए था :
सिंह ने कहा कि मंत्री बैठक कर रहे थे तो प्रशासन को इसकी तैयारी पहले करनी चाहिए थी। लाठीचार्ज निदान नहीं था। मंत्री को भी इतना संस्कार होना चाहिए कि वे 10 मिनट छात्रों से बात कर लेते। प्रतिनिधिमंडल ही बुलवा लेते। अधिकारी मंत्री से मिलाने की बात कह कर ही छात्राओं को वहां ले गए। फिर लाठीचार्ज कर दिया। इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन में सहनशीलता नहीं है। बच्चों पर पुलिस लाठी चलाती है और अपराधियों के आगे बेबस हो जाती है। धनबाद में ही जज हत्याकांड में यह साबित हुआ। मुख्यमंत्री ने जिस तेजी से मामला सीबीआइ को दिया उससे साबित हुआ कि उन्हें भी अपनी पुलिस पर भरोसा नहीं है। नियोजन नीति गलत, सरकार तत्काल वापस ले :
पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार की ओर से घोषित की गई नियोजन नीति का भी विरोध किया। कहा कि इसे तत्काल वापस लेना होगा। द्वितीय राजभाषा से जिनको हटाया गया है वह भी गलत है। ये सभी भाषाएं झारखंड में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में मूलवासी बाहरी राज्यों में काम कर रहे हैं। वहां पढ़ने वाले उनके बच्चे नई नियोजन नीति से राज्य में नौकरी पाने से वंचित रह जाएंगे। समाज बंटेगा। रघुवर सरकार में भी राज्य को 11-13 जिलों में विभक्त करने के मुद्दे पर पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि उस नियम में संशोधन किया गया था। 10 वर्ष के लिए शेष 11 जिलों को भी सभी सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया था।