किन्नरों और याैनकर्मियों की तलाश में कल्याण विभाग, जानिए वजह
जिला कल्याण विभाग के अनुसार फिलवक्त धनबाद में 24 ट्रांसजेंडरों का नाम मतदाता सूची में शामिल हैं। यौनकर्मियों का कोई आंकड़ा जिला प्रशासन या कल्याण विभाग के पास मौजूद नहीं है। सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने दोनों की खोज शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। जिला कल्याण विभाग राष्ट्रीय मतदाता दिवस को लेकर अब उन र्थड जेंडरों की तलाश में जुट गया है, जिनका नाम अभी तक मतदाता सूची में नहीं जुट पाया है। इसके अलावा कल्याण विभाग उन लोगों की भी पहचान कर उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराने के लिए कमर कस चुका हैे, जो यौन कर्मी के रूप में काम करते हैं। इस बाबत जिला कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप ने बताया कि राज्य सरकार ने पत्र लिखकर जिला प्रशासन को इस संबंध में दिशा निर्देश दिया है। उसी निर्देश के आलोक में जिला में उन ट्रांसजेंडरों की खोज की जा रही है, जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है।
सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना उद्देश्य
जिला कल्याण पदाधिकारी कश्यप ने बताया कि थर्ड जेंडरों की पहचान कर उनका वोटर आइडी कार्ड बनवाना है। इसके अलावा उनका राशन कार्ड और आवासीय प्रमाण पत्र बनवा कर उनको सरकार से दी जानेवाली योजनाओं का लाभ दिलाया जाना है। इन योजनाओं का लाभ उनको तभी मिल पाएगा जब उनके पास इपिक, राशन कार्ड या आवासीय प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज हों। अभी कुछ महीनों पहले एक मामले की सुनवाई करते हुए रांची उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ट्रांस जेडरों को भी तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया था। कोर्ट के इस आदेश के आलोक में ही राज्य सरकार ने सूबे के सभी जिला प्रशासनों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। ट्रांस जेंडरों के साथ-साथ यौनकर्मियों को भी सभी सुविधाओं का लाभ देना है।
याैनकर्मियों का प्रशासन के पास कोई आंकड़ा नहीं
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला में फिलवक्त 24 ट्रांसजेंडरों का नाम मतदाता सूची में शामिल हैं। जबकि यौनकर्मियों का कोई आंकड़ा जिला प्रशासन या कल्याण विभाग के पास मौजूद नहीं है। सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने ट्रांस जेंडरों की खोज शुरू कर दी है। मालूम हो कि एनजीओ जिले में ट्रांसजेंडरों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने ऐसे एनजीओ के साथ टाइअप करने की योजना बना रहा है।