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Coal India: पावर प्लांटों के पास कोयले की कमी नहीं, खदानों में उत्पादन की स्थिति बेहतर

कोल इंडिया उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। इनमें खुली खदान से कोयला निकालने के बाद यदि अधिक नीचे कोयला है तो भूमिगत खनन भी किया जाएगा। भूमिगत खदानों को पूरी तरह मैकेनाइज्ड करने की योजना पर भी काम चल रहा है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 09:42 AM (IST)
Coal India: पावर प्लांटों के पास कोयले की कमी नहीं, खदानों में उत्पादन की स्थिति बेहतर
कोयले पर आधारित ताप विद्युत परियोजना ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। देश में स्थानीय कोयले की कोई कमी नहीं है। कोल इंडिया और ताप विद्युत संयंत्रों के पास भरपूर मात्रा में कोयला मौजूद है। यह जानकारी कोयला मंत्रालय ने बुधवार को दी है। बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 716.084 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया गया है। फिलहाल इसे और बढ़ाने के कई प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें निजी क्षेत्र को कोयला ब्लॉकों का आवंटन भी शामिल है।

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पीएमयू की नियुक्ति करेगा मंत्रालय

कोयला मंत्रालय ने जारी विज्ञप्ति में बताया है कि मंत्रालय जल्द परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) की नियुक्ति करेगा। यह निजी कोयला ब्लाकों के लिए होगा। निजी क्षेत्र को आवंटित कोयला ब्लाकों से शीघ्र उत्पादन शुरू कराने को उत्तरदायी होगा। यह कोयला आवंटियों को संभालेगा और वहां से नयी खदानें शुरू करवाने के लिए अनुमोदन-मंजूरी जैसे सारे कामकाज समय पर हों यह निर्धारित करेगा।

सिंगर विंडो सिस्टम की शुरुआत

केंद्र सरकार ने कोयला खदानों के संचालन में तेजी लाने के लिए कोयला क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल लॉन्च किया है। यह एक एकीकृत मंच है जो भारत में कोयला खदान शुरू करने के लिए आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है।

कैप्टिव खदान भी बेच सकेंगे 50 फीसद कोयला

मंत्रालय ने एमएमडीआर अधिनियम को मार्च, 2021 में संशोधित किया है। इसके तहत विभिन्न उद्योगों को कैप्टिव माइंस उनकी घरेलू जरूरतों के लिए कोयला खनन के लिए दिए गए थे उनसे उत्पादित कोयला का 50 फीसद तक बेचने की अनुमति दी गई है। कंपनियां अपनी जरूरतें पूरी करने के बाद ये कोयला बेच सकते हैं।

खुली खदानों को भूमिगत खदान में बदला जाएगा

मंत्रालय के मुताबिक निजी क्षेत्र के साथ ही कोल इंडिया को भी अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा रहा है। कोल इंडिया उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। इनमें खुली खदान से कोयला निकालने के बाद यदि अधिक नीचे कोयला है तो भूमिगत खनन भी किया जाएगा। भूमिगत खदानों को पूरी तरह मैकेनाइज्ड करने की योजना पर भी काम चल रहा है। 160 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली 15 परियोजनाओं की पहचान माइन डेवलपर सह आपरेटर मोड की ओर से की जाएगी। कंपनी ने वर्ष 2024 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

कोल इंडिया व पावर प्लांट में कोयला का स्टाक (मिलियन टन में )

  • तिथि             कोल इंडिया    पावर प्लांट
  • अप्रैल 2020       74.89        44.95
  • अप्रैल 2021       99.12        28.66
  • 28 जुलाई 21     56.03          23.78

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