Move to Jagran APP

Hindi Diwas 2021: हिंदी अब भी सदाबहार, हर सीट पर दो से ज्यादा दावेदार

Hindi Diwas 2021 लड़कियों में हिंदी के प्रति बढ़ी रुचि के मददेनजर एसएसएलएनटी महिला कालेज में इस बार हिंदी आनर्स की 10 सीटें बढ़ा दी गई हैं। पिछले साल 182 सीटों की तुलना में इस बार 192 की लिस्ट कालेज को भेजी गई है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 09:34 AM (IST)
Hindi Diwas 2021: हिंदी अब भी सदाबहार, हर सीट पर दो से ज्यादा दावेदार
हिंदी का बढ़ रहा आकर्षण ( सांकेतिक फोटो)।

तापस बनर्जी, धनबाद। जी हां, बदलते वक्त में भी हिंदी सदाबहार है। तभी तो हिंदी पढऩे वालों की लंबी कतार है। बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि के सरकारी कालेजों के आंकड़े तो यही बयां कर रहे हैं। धनबाद के सात और बोकारो के तीन सरकारी कालेजों में हिंदी की कुल 1984 सीटें हैं। उन सीटों पर दाखिला के लिए 5263 आवेदन मिले हैं। सभी आवेदकों ने चांसलर पोर्टल पर शुल्क भी जमा कर दिया है। लिहाजा, नये सत्र में हिंदी आनर्स में आसानी से दाखिला मुश्किल होगा। हर सीट के लिए दो से ज्यादा दावेदार हैं।

loksabha election banner

प्रीमियर कालेज में पहले 160, अब 192 सीटें

पीके राय कालेज:  धनबाद के प्रीमियर कालेज कहने जानेवाले पीके राय कालेज में पहले हिंदी आनर्स की 160 सीट थी। 2018 में हिंदी की 160 सीटों के लिए 666 आवेदन आए थे। इसके बाद के वर्षों में भी हिंदी का क्रेज बरकरार रहा। इसके मद्देनजर हिंदी की सीटें बढ़ाई गईं। अब इस कालेज में हिंदी कोर की 192 सीटें हैं।

लड़कियों में बढ़ी रुचि, बढ़ी हिंदी आनर्स की सीटें

एसएसएलएनटी कालेज: लड़कियों में हिंदी के प्रति बढ़ी रुचि के मददेनजर एसएसएलएनटी महिला कालेज में इस बार हिंदी आनर्स की 10 सीटें बढ़ा दी गई हैं। पिछले साल 182 सीटों की तुलना में इस बार 192 की लिस्ट कालेज को भेजी गई है।

गांव में भी हिंदी की रफ्तार तेज, हर साल बढ़ रहा क्रेज

आर मोर कालेज: शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव में भी हिंदी का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। गांव और शहर को जोडऩे वाले गोविंदपुर के आरएस मोर कालेज में हिंदी पढऩे वाले ग्रामीण छात्र छात्राओं की संख्या हर साल बढ़ रही है। तीन-चार साल पहले तक इस कालेज में हिंद आनर्स की 240 सीटें थीं। सीट की तुलना में आवेदन अधिक थे। 2018-21 वाले सत्र में 240 सीटों के लिए 634 आवेदन आए थे। हिंदी के बढ़ते क्रेज के मद्देनजर सीटें बढ़ाई गईं। अब इस कालेज में 320 सीटें हैं। नये सत्र के लिए 193 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। 115 छात्र छात्राओं ने दाखिला भी ले लिया है।

ग्रामीण और शहरी मिश्रित परिवेश वाले कालेज में हिंदी पढऩे वाले छात्र छात्राओं की अच्छी संख्या है। हिंदी को लेकर युवाओं की धारणा में बदलाव इसकी और समृद्धि के संकेत हैं।

-डा. प्रवीण सिंह, प्राचार्य, आरएस मोर कालेज

एक्सपर्ट यूः हिंदी में करियर संवारने के कई विकल्प मौजूद

बीबीएमकेयू पीजी हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. मुकुंद रविदास के मुताबिक, हिंदी आनर्स और पीजी करने वाले छात्र छात्राओं के लिए करियर संवारने के कई विकल्प मौजूद हैं।

  • जेआरएफ यानी जूनियर रिसर्च फेलो के तौर पर पांच वर्ष तक आर्थिक मदद लेकर पढ़ाई कर सकते हैं।
  • पीजी के बाद नेट क्वालिफाई कर निजी कालेजों में लेक्चरर के लिए प्रयास कर सकते हैं।
  • बीएड या एमएड कर करियर बनाने का विकल्प तलाश सकते हैं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.