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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं रेल नगरी की मुख्य सड़कें, मुखिया बोले- सरकार को दुधारू गाय समझ रखे हैं ठीकेदार Dhanbad News

Dhanbad News जिले के गोमो बाजार की मुख्य मार्ग की सड़कें रेलवे ने हाल में ही बनाई थी लेकिन भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ने के कारण सभी सड़कें अब जर्जर हाल में हैं।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 03:35 PM (IST)
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं रेल नगरी की मुख्य सड़कें, मुखिया बोले- सरकार को दुधारू गाय समझ रखे हैं ठीकेदार Dhanbad News
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं रेल नगरी की मुख्य सड़कें, मुखिया बोले- सरकार को दुधारू गाय समझ रखे हैं ठीकेदार Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। रेल नगरी (गोमो बाजार) में कर्मियों के लिए पानी, बिजली व रहने की जर्जर आवास की समस्या बिकराल तो है ही, दूसरी ओर पूरे रेल नगरी की मुख्य सड़कों पर जगह-जगह गड्ढ बन गये हैं। बारिश होते ही सड़क पर चलना जानलेवा साबित हो रहा है। इसपर वाहन तो दूर, पैदल चलना भी दुस्वार हो जा रहा है। हर दिन रेल कर्मियों के साथ-साथ अन्य राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर अधिकारी पूरी तरह मौन है।

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गौरतलब है कि लोको बाजार से स्टेशन तक, स्टेशन से लेकर सिकलाइन रेल कॉलोनी तक, स्टेशन से पुराना बाजार जाने वाला मुख्य मार्ग की सड़क को रेलवे हाल में ही बनाई थी, लेकिन भ्रष्टाचारियों के भेंट चढ़ जाने के कारण उक्त सभी सड़क पुराने (जर्जर) हाल में आ गए हैं। हालांकि लोको बाजार मुख्य सड़क की जर्जर अवस्था को देख आरओबी के कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एसएस अहमद के सहयोग से मरम्मती कराई गई थी। उसके बाद भी रेलवे को उक्त सड़क निर्माण में थोड़ा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके कारण लोग जर्जर सड़क पर चलने को मजबूर है।

भारतीय रेल मजदूर संघ के केंदीय उपाध्यक्ष एके पालित ने कहा कि रेलवे में भ्रष्टाचार चरम पर है। रेलवे द्वारा रेल नगरी में नाला और सड़क बनाया जाता है, जो कुछ ही माह के बाद बह जाती है। इसके कारण रेल कर्मचारियों को परेशानी भुगतनी पड़ती है। इसके लिए कितनी बार वरीय अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। शाखा सचिव बीके झा ने कहा कि रेल अधिकारियों की लापरवाही के कारण रेल नगरी में सड़क पूरी तरह जर्जर हो गई है। समस्या को लेकर डीआरएम को पत्र भेजा जाएगा।

गोमो दक्षिण मुखिया राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सड़के गुणवत्ता के आधार पर नहीं बनाई जाती है। ठीकेदार सरकार को दुधारू गाय समझ कर रखे हैं। साल भर के लिए सड़के बनाती है। ताकि फिर टेंडर हो। फिर ठीकेदारी हो। ऐसे ठीकेदारों का निबंधन रद्द कर देना चाहिए। ग्राम पंचायत को मौका मिला तो मजबूत सड़क निर्माण कर दिखाउंगी।


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