तारगा में फोरलेन के बीच के कुएं को रातोंरात भरने से बवाल
संवाद सहयोगी महुदा तारगा गांव के पास निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के बीच स्थित कुआं में मिट्ट
संवाद सहयोगी, महुदा: तारगा गांव के पास निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के बीच स्थित कुआं में मिट्टी डालकर समतल कर दिया गया। गांव के लोगों की प्यास बुझाने वाली कुआं की भराई का कार्य गुरुवार रात को हुई। शुक्रवार की सुबह जब पानी लेने के लिए लोग वहां पहुंचे तो कुआं नजर नहीं आया। इसकी जानकारी मिलते ही काफी संख्या में गांव की महिलाएं व पुरूष वहां पहुंच गए। पानी की वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराए बगैर कुआं को मिट्टी से भराई किए जाने के विरोध में वहां फोरलेन सड़क को जाम कर दिया। निर्माणाधीन महुदा-राजगंज फोरलेन मार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद हो गयी। सड़क निर्माण में लगी अशोका बिल्डकॉम कंपनी की वाहनों की कतार लग गई। ग्रामीणों का कहना था कि फोरलेन सड़क निर्माण करने वाली उक्त कंपनी के अधिकारियों ने एक साल पूर्व आश्वासन दिया था कि पहले पीने की पानी का व्यवस्था करेंगे। इसके बाद कुआं को भरा जाएगा। कंपनी के लोगों ने जन सुविधा को नजरअंदाज कर मनमाने ढंग से कुआं भर दिया। अब गांव के लोग पानी लेने के लिए कहां जाएंगे। गर्मी के कारण गांव के चापाकल तालाब सूख गए हैं। इसी कुएं की पानी से सैकड़ों लोगों का प्यास बुझती थी।
मालूम हो कि यह कुआं सड़क के बीच डिवाइडर पर अवस्थित था। करीब तीन घंटे के बाद बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति, प्रखंड प्रधान मिनाक्षी रानी गुड़िया एवं एनएचएआई के अधिकारी शैलेंद्र कुमार पहुंचे और आंदोलनरत ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण पेयजल की व्यवस्था की मांग पर अड़े हुए थे। इस बीच जिप सदस्य संतोष कुमार, ग्राम प्रधान परमेश्वर रवानी, पंसस कैलाश रवानी, भाजपा नेता राजेश कुमार महतो पहुंचे और ग्रामीणों की मांग का समर्थन किया।
बीडीओ ने एनएचएआई के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि 15 दिनों के अंदर नया कुआं का निर्माण कर ग्रामीणों को सौंपा जाएगा। तब तक कंपनी की तरफ से प्रतिदिन दो से तीन टैंकर पानी ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जाएगा। लिखित समझौता पत्र बनने के बाद ग्रामीणों का आंदोलन समाप्त हुआ और सड़क जाम हटा।
मौके पर महुदा थानेदार हीरालाल तिर्की, अशोका विल्डकॉन के सुपरवाइजर विद्युत दुबे, डीपीएम मनोज कुमार, भाजपा नेता राजेश कुमार महतो, भुनेश्वर गोप, शमीम शेख, मालती देवी, सोनिया देवी, चंपा देवी, मीरा देवी, नमिता देवी, रंजीत बाउरी, सुधीर बाउरी, हरिपद महतो सहित दर्जनों महिला पुरुष शामिल थे।