लंबे समय से जमे डॉक्टरों के तबादले के बाद जिला यक्ष्मा पदाधिकारी का पद खाली, प्रभार में रहेंगे सिविल सर्जन
धनबाद में डॉक्टरों के तबादला होने की वजह से जिला यक्ष्मा विभाग पदाधिकारी का पद खाली हो गया है। फिलहाल इस पद के लिए जिले के नवपदस्थापित सिविल सर्जन डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा ने प्रभार लिया है। आश्वासन दिया कि जो भी समस्याएं हैं उनका त्वरित निष्पादन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद में डॉक्टरों के तबादला होने की वजह से जिला यक्ष्मा विभाग पदाधिकारी का पद खाली हो गया है। फिलहाल इस पद के लिए जिले के नवपदस्थापित सिविल सर्जन डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा ने प्रभार लिया है। प्रभार लेने के साथ ही सिविल सर्जन ने विभाग में समस्या समेत अन्य जानकारियों के लिए कर्मचारियों से बातचीत की। विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि 5 महीने से कर्मचारियों का समय पर वेतन नहीं मिलता है। इसके अलावा कई काम विभाग में बाधित हुए हैं। सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि जो भी समस्याएं हैं, उनका त्वरित निष्पादन किया जाएगा। सिविल सर्जन ने कर्मचारियों से सेवा भावना से काम करने की अपील की है।
मरीजों को समय पर पोषण राशि देने का निर्देश
टीबी के मरीजों को सरकार की ओर से प्रति महीना पोषण राशि के तौर पर पांच सौ रुपये दिए जाते हैं, लेकिन धनबाद में लगभग एक हजार से ज्यादा मरीजों को पोषण राशि समय पर नहीं मिल पा रही है। ऐसे में यह मरीज हर दिन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। सिविल सर्जन ने संबंधित कर्मचारियों को मामले के निष्पादन को कहा है। उन्होंने कहा कि मरीजों को समय पर दवा और पोषण राशि मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।
श्रावणी मेले में डॉक्टरों के जाने से हो रही परेशानी
धनबाद में फिलहाल डॉक्टरों की भारी कमी हो गई है। धनबाद से श्रावणी मेला देवघर और दुमका के लिए लगभग 14 डॉक्टरों को भेजा गया है। इसमें लगभग चार सर्जन भी शामिल हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे में ओपीडी प्रभावित हो रही है। सिविल सर्जन डॉक्टर विश्वकर्मा ने बताया कि जहां चिकित्सकों की कमी हो रही है, वहां दूसरे डॉक्टरों को लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग में कई कमियां हैं, लेकिन केवल कमियां देखने से कुछ नहीं होगा, हमें सीमित संसाधन में बेहतर परिणाम भी देना है। आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना ही लक्ष्य होना चाहिए।