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SNMMCH के जेनेटिक वार्ड में बढ़ेगी सुविधाएं, इलाज के साथ होगी शोध की भी सुविधाएं Dhanbad News

एसएनएमएमसीएच के जेनेटिक वार्ड में इलाज के साथ ही अब शोध की भी व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने सभी कोशिशें शुरू कर दी हैं। जेनेटिक वार्ड में थैलेसीमिया के मरीजों के साथ ही सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चे की भी जांच की व्यवस्था होगी।

By Atul SinghEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 03:15 PM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 03:15 PM (IST)
SNMMCH के जेनेटिक वार्ड में बढ़ेगी सुविधाएं, इलाज के साथ होगी शोध की भी सुविधाएं Dhanbad News
एसएनएमएमसीएच के जेनेटिक वार्ड में इलाज के साथ ही अब शोध की भी व्यवस्था शुरू की जाएगी। (प्रतीकात्‍मक तसवीर)

जागरण संवाददाता धनबाद: एसएनएमएमसीएच के जेनेटिक वार्ड में इलाज के साथ ही अब शोध की भी व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने सभी कोशिशें शुरू कर दी हैं। जेनेटिक वार्ड में थैलेसीमिया के मरीजों के साथ ही सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चे की भी जांच की व्यवस्था होगी। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम तैनात की जाएगी। पिछले 5 वर्षों की जद्दोजहद के बाद थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए दवाई आ गई हैं। यह बातें अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार वर्णवाल ने जेनेटिक वार्ड के निरीक्षण के दौरान कही। इस दौरान समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए दवा उपलब्ध कराने पर अधीक्षक को सम्मानित किया। अंकित ने बताया कि वह लगातार पिछले 5 वर्षों से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए कोशिश कर रहे थे।

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थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की नहीं होगी खून की कमी

अधीक्षक ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को खून के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए भी तमाम कोशिशें हो रही हैं। फिलहाल ब्लड बैंक से 125 थैलेसीमिया बच्चे निबंधित है। उन्होंने अधिक से अधिक कैंप करने और समाजसेवी संस्थाओं को आगे आने की अपील की है। ताकि दूरदराज से आने वाले थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को समय पर खून मिल पाए। वही सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित मरीजों की भी पहचान शुरू की जाएगी। इस बीमारी से ग्रसित लोग ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं। अब इन दोनों बीमारियों पर ही अस्पताल में शोध किया जाएगा। ताकि मरीजों का और बेहतर तरीके से इलाज हो पाए। फिलहाल अस्पताल में धनबाद सहित दूसरे जिलों के भी बच्चे आते हैं। इन बच्चों को ब्लड बैंक की ओर से निशुल्क खून उपलब्ध कराया जाता है।

वर्ष 2017 में बनाया गया है जेनेटिक वार्ड

थैलेसीमिया सिकल सेल एनीमिया को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2017 में यहां जेनेटिक वार्ड बनाया गया था। लेकिन उचित देखरेख नहीं होने की वजह से वार्ड में अधिकांश का ताला लगा रहता था। अब फिर से प्रबंधन ने वार्ड को बहाल करने की कोशिश की है। जेनेटिक वार्ड के लाइट को भी विकसित किया जाएगा। इस तरह के बीमारियों से ग्रसित बच्चों की सभी प्रकार की जांच की लैब में हो पाएगी। ऐसी बीमारियों की जीन की भी जांच की व्यवस्था यहां करने की योजना है।


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