झुंड से बिछड़े हाथी ने टुंडी के कोलरडीह गांव में दो घरों को तोड़ा
झुंड से बिछड़े हाथी ने लगातार पहाड़ की तराई पर बसे गांवों के लोग परेशान हैं। रात जागकर गुजारनी पड़ रही है।
संवाद सहयोगी, टुंडी : झुंड से बिछड़े हाथी ने लगातार पहाड़ की तराई पर बसे गांवों के ग्रामीणों को परेशान कर रखा है। बुधवार को अहले सुबह हाथी टुंडी पहाड़ से उतरकर कोलाहीर गांव में आ पहुंचा और यहां शेखर हांसदा व बोदीलाल मरांडी के घर को तोड़ दिया। घर में रखे अनाज को चट कर उसे तितर-बितर कर दिया। उसके बाद सोनाराम मरांडी, भावेश हांसदा, मोनो हांसदा, चिलम मरांडी के धान की फसल हो खा गया। हाथी आने की खबर से ग्रामीण भयभीत हो गए। ग्रमीणों ने मशाल जला हाथी को तत्काल गांव से बाहर खदेड़ा। इस बीच सूचना पाकर वन विभाग से मशालची की टीम पहुंची और हाथी को आगे खदेड़ते हुए दो मुंडा पहाड़ चढ़ा दिया। हाथी के भय से तोपचांची व टुंडी के पहाड़ी तराई गांव बसहा, पोखरिया, पर्वतपुर, अमरपुर, बिरंची के ग्रामीण भयभीत हैं। इधर सूचना पाकर झामुमो नेता फुलचंद किस्कू कोलाहीर गांव पहुंचे और वन विभाग को हाथी से क्षति हुए परिवारों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद वन विभाग के प्रभारी फोरेस्टर गोविद मिस्त्री गांव पहुंचे और क्षतिपूर्ति का जायजा लिया। बुधवार देर शाम 28 सदस्य प्रशिक्षित मशालची टीम दो मुंडा पहाड़ के इर्द-गिर्द घूम रही है। टुंडी वनक्षेत्र पदाधिकारी विनोद ठाकुर ने बताया कि इस हाथी को टुंडी से बाहर खदेड़ने को लेकर टुंडी व तोपचांची मशालची टीम दो मुंडा पहाड़ के बसे गांवों पहुंचकर कैंप किए है। कोशिश है कि हाथी को दूसरी जगह खदेड़ दिया जाए। हाथियों के डर से लोग रात में घर में सो नहीं पा रहे। काफी नुकसान हो रहा है।