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जिले के सरकारी स्कूलों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों का मापदंड तय

धनबाद जिले में करीब दो हजार स्कूल हैं। जिन स्कूलों में पूर्णकालिक प्रधानाचार्य नहीं हैं उन विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक के लिए मापदंड तय किया गया है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्यों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 06:20 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 06:20 AM (IST)
जिले के सरकारी स्कूलों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों का मापदंड तय

जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले में करीब दो हजार स्कूल हैं। जिन स्कूलों में पूर्णकालिक प्रधानाचार्य नहीं हैं, उन विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक के लिए मापदंड तय किया गया है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्यों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके। इसके लिए अस्थायी और स्थानीय व्यवस्था के तहत प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रभार दिया जाएगा। इस पर किसी भी प्रकार का कोई वित्तीय भार नहीं होगा। उत्क्रमित उच्च विद्यालय

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वर्ग एक से 10, वर्ग छह से 10 तथा वर्ग नौ से 10 तक जहां माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित हैं। इस कोटि के विद्यालय में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक के वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित के वरीयतम वर्ग एक से 10, वर्ग छह से 10 तथा वर्ग नौ से 10 तक जहां माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं तो इस कोटि के विद्यालय में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक के वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित के वरीयतम यदि स्नातक प्रशिक्षित योग्यताधारी शिक्षक भी अनुपलब्ध हैं तो प्राथमिक शिक्षक, प्रशिक्षित शिक्षकों में से वरीयतम शिक्षक को प्राथमिकता दी जाएगी। उच्च विद्यालय

वर्ग एक से 10, वर्ग छह से 10 तथा वर्ग नौ से 10 तक कक्षा संचालित हैं। इस कोटि के विद्यालय में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक के वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित के वरीयतम शिक्षक को प्राथमिकता दी जाएगी। प्लस टू उत्क्रमित तथा प्लस टू राजकीय :

वर्ग एक से 12, वर्ग छह से 12 तथा वर्ग नौ से 12 तक कक्षा संचालित हैं। इन विद्यालयों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक में से आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाएगा। यदि इन विद्यालयों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक कार्यरत नहीं हैं तो वरीयता के आधार पर वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।

- प्रभारी प्रधानाध्यापक के लिए कम से कम पांच वर्षो का कार्य अनुभव आवश्यक है।

- नियमित प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के साथ ही प्रभारी प्रधानाध्याप का प्रभार स्वत समाप्त हो जाएगा।


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