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JNNURM: जामाडोबा और सिंदरी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के मेंटेनेंस के लिए 18 करोड़ का निकाला टेंडर, किसकी बुझेगी प्यास ?

झरिया इलाका आए दिन पानी की समस्या से जूझता रहता है। यहां एक-दो दिन नहीं बल्कि हफ्तों जलापूर्ति बाधित रहती है। इसका कारण है जामाडोबा वाटर प्लांट में पुरानी मशीनरी का लगा होना और इसका सही समय पर मेंटेनेंस ना होना है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 02:31 PM (IST)
JNNURM: जामाडोबा और सिंदरी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के मेंटेनेंस के लिए 18 करोड़ का निकाला टेंडर, किसकी बुझेगी प्यास ?
जामाडोबा और सिंदरी जलापूर्ति नेटवर्क ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। झरिया से लेकर सिंदरी तक जल्द ही पानी की समस्या से निजात मिलने जा रही है। निर्बाध जलापूर्ति होगी। पेयजल स्वच्छता प्रमंडल संख्या-1 ने इसकी बड़े पैमाने पर तैयारी कर ली है। जामाडोबा के 143 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सिंदरी के 13.5 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के ऑपरेशन और मेंटेनेंस के लिए पेयजल विभाग ने 18 करोड़ रुपये की निविदा निकाली है। जेएनएनयूआरएम की योजना के तहत जामाडोबा इंटेकवेल से डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन का मेंटेनेंस और कनेक्शन देना भी शामिल होगा। पानी की शुद्धता के लिए केमिकल प्रयोग भी इसी निविदा का हिस्सा है। बिजली विभाग ने एक वर्ष के अंदर काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यह हो जाने से झरिया की लगभग पांच लाख की आबादी को पानी की समस्या नहीं होगी। तीन दिसंबर को निविदा खोली जाएगी, हालांकि इससे पहले भी पेयजल विभाग एक बार और निविदा निकाल चुका है। जिसमें किसी भी एजेंसी ने दिलचस्पी दिखाई। इस बार उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा।

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दरअसल झरिया इलाका आए दिन पानी की समस्या से जूझता रहता है। यहां एक-दो दिन नहीं बल्कि हफ्तों जलापूर्ति बाधित रहती है। इसका कारण है जामाडोबा वाटर प्लांट में पुरानी मशीनरी का लगा होना और इसका सही समय पर मेंटेनेंस ना होना है। जिसकी वजह से अक्सर पाइप क्षतिग्रस्त हो जाती है या फिर मशीन खराब हो जाती है। यही हाल सिंदरी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी है। कई दफा नगर निगम धनबाद से पानी का टैंकर झरिया में भेजता है, लेकिन यह भी नाकाफी है। जनप्रतिनिधियों ने भी यहां की जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए बहुत ठोस कदम नहीं उठाया। सिर्फ विधानसभा में आवाज उठाते हैं, लेकिन धरातल पर बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला।


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