मोबाइल चोरी इनका काम, बांग्लादेश तक गांंव का नाम Sahebganj News
झारखंड के साहिबगंज जिले के महाराजपुर और बाबूपुर गांव की ख्याति मोबाइल चोरी के रूप में बढ़ती ही जा रही है। इन गांवों का नाम बांग्लादेश के चोर बाजार तक में प्रसिद्ध है।
साहिबगंज [प्राणेश ]।साहिबगंज जिले के तालझारी का महाराजपुर व तीनपहाड़ का बाबूपुर गांव। यहां के अधिकतर घर पक्के हैैं। इन चमचमाते भवनों की नींव चोरी के पैसे पर रखी गई है। दरअसल, यहां के मोबाइल चोर पूरे देश में सक्रिय हैं। देश के विभिन्न प्रदेशों में सक्रिय यहां के मोबाइल चोरों को चोरी की विशेष ट्रेनिंग हासिल है, जो पलक झपकते ही आपके पॉकेट से मोबाइल फोन गायब कर देंगे और आपको इसकी भनक तक नहीं लगेगी।
कई बार पुलिस की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि चोरी के मोबाइल को ये चोर साहिबगंज के रास्ते बांग्लादेश तक भेज देते हैैं। पूर्व में चोरी के मोबाइल बिहार व झारखंड के कई हिस्से में खपाए जाते थे, लेकिन आइएमईआइ नंबर से धर-पकड़ शुरू होने के बाद चोर बांग्लादेश के लोगों से संपर्क कर चोरी का माल वहीं खपाते हैैं। इसका एक घातक पक्ष यह भी है कि चोरी के इस धंधे में शातिर 10-12 साल के बच्चों को भी धकेल चुके हैैं। ये बच्चे अगर चोरी में पकड़े जाते हैैं तो तकनीकी कारणों से बच्चों की उम्र का ख्याल करते हुए पुलिस उनपर केस नहीं करती है।
महाराजपुर में चोरों को दी जाती है ट्रेनिंग, बाकायदा होता है एग्रीमेंट
मोबाइल चोरी के लिए महाराजपुर में बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें अधिकतर आसपास के इलाके के बच्चे शामिल हैैं। हालांकि, लोग अपने रिश्ते नातेदारों के बच्चों को भी इस धंधे में झोंक देते हैैं। हाथ की सफाई (चोरी में महारत) की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बच्चों की तैनाती देश के विभिन्न इलाकों में की जाती है। सूत्रों की मानें तो एक बच्चे का एक साल के लिए कम से कम तीन लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। यही नहीं बच्चों के रहने, खाने सहित चोरी के दौरान अगर पकड़े गए तो जेल से छुड़वाने तक की व्यवस्था सरगना खुद करता है। नाम न छापने के शर्त मेें इस धंधे से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि धंधे में जुटे अधिकतर लोगों के बच्चे दूसरे राज्यों के महंगे स्कूलों में पढ़ाई करते हैैं। हालांकि, लॉकडाउन की वजह से इन दिनों इनका चोरी का धंधा भी मंदा ही चल रहा है। धंधे के काम में जुटे अधिकतर लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घर लौट आए हैैं। लॉकडाउन के कारण इन दिनों जिले में भी मोबाइल टपाने का धंधा चल रहा है। हाल के दिनों में यहां भी मोबाइल चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैैं। बरहेट, राजमहल, बरहड़वा और साहिबगंज में बढ़ी मोबाइल चोरी की घटनाएं इसकी तस्दीक करती हैैं।
केस स्टडी - एक
बरहेट में मंगलवार को साप्ताहिक हाट लगता है। यहां हजारों की संख्या में लोग बाजार करने आते हैैं। बीते सात जुलाई को हटिया गए बोरबांध तेली टोला के मनोज साह का मोबाइल गायब हो गया। शक के आधार पर लोगों ने तीनपहाड़ बाबूपुर के सूरज कुमार व अमरनाथ महतो को पकड़ा। तलाशी के दौरान चोरी का मोबाइल बरामद कर लिया गया। बाद में इसे पुलिस के हवाले किया गया।
केस स्टडी -दो
बीते 18 जुलाई को राजमहल के पत्थरचट्टी का छोटू कुमार मंडल तालझारी के महाराजपुर हटिया में सामान खरीदने गया था। उचक्कों ने उसके पॉकेट से मोबाइल टपा लिया। उसे इसकी भनक तक नहीं लगी। कुछ देर बाद उसे अपना मोबाइल गायब होने का पता चला जिसके बाद उसने तालझारी थाने को आवेदन देकर मोबाइल पॉकेट से निकाले जाने की जानकारी दी।
केस स्टडी-तीन
बीते 27 जुलाई को बरहड़वा के फुटानी मोड़ बाजार से मोहम्मद कमालुद्दीन नामक पारा शिक्षक का मोबाइल गायब हो गया। जिस वक्त घटना घटी वह दुकान में चाय पी रहा था। समीप बैठे साबर शेख ने उसकी मोबाइल निकाल लिया। कुछ ही देर बाद पारा शिक्षक को मोबाइल गायब होने की जानकारी हुई। उसने इधर-उधर खोजना शुरू किया जिसे देख समीप बैठा साबर शेख भागने लगा जिसे देख लोगों ने खदेड़कर पकड़ लिया। आरोपित तीनपहाड़ के बाबूपुर का रहनेवाला था, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया।
केस स्टडी-चार
बीते दो मार्च को राजस्थान के खाटू श्याम के रहनेवाले पंकज अग्रवाल नामक व्यक्ति का कीमती मोबाइल किसी ने पॉकेट से निकाल लिया। इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। पुलिस ने उस मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया। काफी दिनों तक उक्त मोबाइल बंद था। बाद में वह खुला और उसका लोकेशन साहिबगंज के महाराजपुर बताने लगा। पुलिस ने उसका पीछा शुरू किया तो चोर मोबाइल फेंक कर भाग निकला। जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया।