Jharkhand: कई वर्षों से नहीं मिली बीपीएल बच्चों को पढ़ाने की फीस, राज्य परियोजना निदेशक से मिलकर रखी अपनी बात
धनबाद जिले के सभी सीबीएसई स्कूलों में प्रत्येक वर्ष निश्शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत कमजोर व अभिवंचित वर्ग के बच्चों का बीपीएल कोटे के तहत नामांकन लिया जाता है। इसके एवज में स्कूलों को प्रति छात्र 5100 रुपये की दर से सालाना अनुदान देने का प्रावधान है।
धनबाद, जेएनएन। सहोदया स्कूल कांप्लेक्स धनबाद चैप्टर की ओर से प्रतिनिधि के रूप में सचिव जनसंपर्क प्रमोद कुमार ने राज्य परियोजना निदेशक शैलेश चौरसिया से मिले और समस्याओं से अवगत कराया। प्रमोद ने कहा कहा कि जिले के सभी सीबीएसई स्कूलों में प्रत्येक वर्ष निश्शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत कमजोर व अभिवंचित वर्ग के बच्चों का बीपीएल कोटे के तहत नामांकन लिया जाता रहा है। इसके एवज में स्कूलों को प्रति छात्र- छात्रा मात्र 5100 रुपये की दर से सालाना अनुदान केंन्द्र व राज्य सरकार से देने का प्रावधान है।
इस राशि का भुगतान कई वर्षों से स्कूलों को नहीं किया गया है। कुछ विद्यालयों को यदि यह राशि मिली भी है तो काफी कम। अनेक स्कूलों का शिक्षा विभाग के पास लाखों रुपये बकाया है। अनुदान की राशि बढ़ाई जाए। आरटीई के तहत सभी कोटि के निजी विद्यालयों को कक्षा 8 तक मान्यता लेने की बात कही गई थी। अधिकतर स्कूलों ने मान्यता लेने के लिए प्रपत्र-1, स्वघोषणा पत्र व निर्धारित शुल्क 25000 रुपये पिछले वर्ष अक्टूबर में ही शिक्षा अधीक्षक सह आरटीई कोषांग में जमा कर दिया। विभागीस स्तर पर इसकी जांच भी हो चुकी है।
जिला प्राथमिक शिक्षा समिति की बैठक न होने के कारण किसी भी विद्यालय को अभी तक यह मान्यता नहीं मिल पाई है। जल्द से जल्द बैठक कराने का आग्रह किया गया। आवेदन में यह भी आग्रह किया गया कि राज्य सरकार व शिक्षा विभाग अभिभावकों से स्कूलों में जाकर अपने बच्चों का बकाया मासिक शुल्क जमा करने का निर्देश जारी करें, ताकि कोविड 19 स्कूलों का अस्तित्व बचा रहे।