पंजाब के डीजीपी का कोयलांचल में भी विरोध, तख्त पटना कमेटी ने सीएम से की हटाने की मांग; किया स्वागत Dhanbad News
पंजाब के डीजीपी ने कहा था कि जो सुबह करतारपुर (पाकिस्तान) श्री गुरु नानक देव जी के स्थान पर दर्शन के लिए जाते हैं शाम को वापस आते ही आतंकवादी बन जाते हैं।
धनबाद, जेएनएन। गुरु नानक देव की कर्मस्थली श्री करतारपुर साहिब के श्रद्धालुओं पर पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता की टिप्पणी से सिख समुदाय के लोग आहत हैं। देश-विदेश में बसे सिख उन्हें हटाने के लिए मुखर हो रहे है। इस क्रम में विरोध के स्वर कोयलांचल में भी उठे हैं। सिखों के 5वें प्रमुख तख्त श्री पटना साहिब कमेटी ने भी इसकी निंदा की है। उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने डीजीपी गुप्ता को हटाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को पत्र भी लिखा है। धनबाद बड़े गुरुद्वारा के प्रधान तेजपाल सिंह ने तख्त के फैसले का स्वागत किया।
इंदरजीत ने कहा कि पंजाब संतों, गुरुओं, पीर-फकीरों की धरती है। जो सर्व धर्म समभाव का संदेश पूरी दुनिया को देती है। उस पवित्र प्रदेश के डीजीपी के बयान से विश्व में रहने वाले सिखों के मन एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इंद्रजीत सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नाम ज्ञापन भेज कर मांग की जाएगी कि पंजाब के डीजीपी पर कार्रवाई करने के लिए पंजाब सरकार पर संवैधानिक दबाव बनाए।
क्या है मामला : सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव की कर्मस्थली करतारपुर (पाकिस्तान) का दर्शन करने के लिए भारत से रोज सिख श्रद्धालु जाते हैं। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने करतारपुर जाने वाले सिखों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जो सुबह करतारपुर (पाकिस्तान) श्री गुरु नानक देव जी के स्थान पर दर्शन के लिए जाते हैं, शाम को वापस आते ही आतंकवादी बन जाते हैं।
गुरु नानक के विचार स्मरणीय :
- कोई आतंकवादी भी गुरु नानक देव जी के स्थान करतारपुर जाएगा और उनके विचार, सिद्धांत, उपदेश और उनके बताए मार्गदर्शन का अनुसरण करेगी तो वह भी आतंकवाद का मार्ग छोड़ देगा और समस्त मानवतावाद के उत्थान के लिए काम करेगा। -इंदरजीत सिंह, उपाध्यक्ष, तख्त साहेब पटना कमेटी।
- गुरु नानक जी केवल सिख नहीं पूरी कायनात के गुरु हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग करते हैं कि डीजीपी को उनके पद से अविलंब हटाया जाए और उनपर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए। -सेवा सिंह, अध्यक्ष, झारखंड सिख वेलफेयर सोसाइटी।
- भारत विविधताओं का देश है। इसकी परंपराओं, विरासत, मान्यताओं, क्षेत्र विशेष के मानवीय व्यवहार, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का अध्ययन ऐसे प्रशासनिक पदाधिकारियों के लिए आवश्यक प्रावधान में शामिल किया जाना चाहिए। डीजीपी को अविलंब हटाया जाना चाहिए। -अमरजीत सिंह, संयुक्त सचिव, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी।
- डीजीपी ने अपने पद की गरिमा की अवहेलना की है। पदाधिकारियों को असंवेदनशील बयानबाजी कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचना चाहिए। अपने संवैधानिक दायित्व का अच्छी तरह से निर्वहन किया जाना चाहिए। हम तख्त के फैसले का स्वागत करते हैं। -तेजपाल सिंह, प्रधान, बड़ा गुरुद्वारा, धनबाद।