गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की झांकी को भी जगह नहीं, मुख्यमंत्री की भाभी बोलीं-साजिश
Republic Day Tableau Dispute NEWS नई दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी देखने को नहीं मिलेगी। इस बार केंद्र सरकार ने झारखंड की झांकी चयनित नहीं की है। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। झामुमो विधायक सीता सोरन ने साजिश करार दिया है।
जागरण संवाददाता, दुमका। नई दिल्ली में राजपथ पर 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी देखने को नहीं मिलेगी। इस बार केंद्र सरकार ने झारखंड की झांकी चयनित नहीं की है। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने साजिश करार दिया है। झांकी को लेकर पहले ही विवाद चल रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी अपने-अपने राज्यों की झांकी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं। अब झारखंड की झांकी को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है।
गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की झाँकी को केंद्र ने अनुमति नहीं दी है। झारखंड सरकार ने ‘संताल हूल’ से संबंधित झाँकी प्रस्तुत करने की अनुमति माँगी थी। केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. 1/2 @HemantSorenJMM @MundaArjun @JmmJharkhand
— Sita Soren (@SitaSorenMLA) January 19, 2022
झारखंड की झांकी की थीम
झारखंड की झांकी संताल विद्रोह की थीम पर आधारित थी। झामुमो नेता और जामा की विधायक सीता सोरेन ने ट्वीट कर झारखंड की झांकी गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं करने की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है-झारखंड सरकार ने संताल हूल से संबंधित झांकी प्रस्तुत करने की अनुमति मंगी थी। केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय एक सोची समझी साजिश है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्विट में लिखा है कि मोदी एंड कंपनी आदिवासियों से वोट लेने के लिए उतावले रहते हैं लेकिन उनकी संस्कृति और विरासत को दुनिया के सामने लाने पर हर कदम पर रुकावट पैदा करने में लगे रहते हैं। कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि जिस राज्य से जनजातीय मामलों के मंत्री हैं उनकी ही संस्कृति और सभ्यता को दबाया जा रहा है।
सुरेश चाैधरी ने सीता को दिया जवाब
सीता सोरेन के ट्वीट पर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सुरेश चाैधरी ने सीता को जवाब देते हुए झारखंड की झांकी नहीं चयनित करने के पीछे की बात बताई है। उन्होंने लिखा है-अकेल झारखंड का ही नहीं और 17 राज्यों के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। इसका कारण यह है कि कोरोना काल में कम से कम भींड इक्ट्ठा हो।
2015 में झारखंड की झांकी हो चुकी पुरस्कृत
बताते चलें कि इससे पूर्व दुमका के मंदिरों के गांव मलूटी की झांकी वर्ष 2015 में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई थी। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे। यह झांकी राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हुई थी।