देसी छोरे सुंदरम ने की हुईं जापानी गुड़िया यूरी, हिन्दू रीति रिवाज से रचाया ब्याह Dhanbad News
कुमार सुंदरम जापान के टोकियो में बैंकर्स का जॉब करते हैं। वहीं यूरी पेशे से इंटीरियर डिजाइनर है। सुंदरम के साथ यूरी की दोस्ती साल भर पुरानी है।
धनबाद, जेएनएन। कहते हैं प्यार न तो कोई सरहद देखता है, न ही देश। लेकिन जब इसी प्यार को शादी के एक खूबसूरत बंधन में बांध दिया जाए, तो निकल कर आती है खुशनुमा कहानियां। वो कहानियां जिसमें बिछड़ना है, तो मिलन भी है। कहीं राह अलग हो जाने का डर है, तो वहीं मंजि़ल को पा लेने का सुकून भी।
एक तरफ जहां संस्कृति, समाज, परिवार की अपनी उलझने हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रेम की एक भाषा है, जो सब मुश्किलों को एक सुर में सजा कर जीवन का रूप दे देती है। कुछ ऐसे ही कहानी है धनबाद के रहने वाले कुमार सुंदरम और जापान की यूरी यसुदा की है। जिनको पहले प्यार हुआ और अब दोनों ने शादी रचा ली।
जापानी दुल्हन यूरी और धनबाद के दुल्हे कुमार सुंदरम ने बुधवार को सरायढेला स्थित प्रभु दर्शन अपार्टमेंट में हिन्दू रीती रिवाज से ब्याह रचाया। इस विवाह से दुल्हन के परिजन और दुल्हे के अमेरिका से आए विदेशी मेहमानों ने भारतीय संस्कृति देखकर भाव विभोर हैं। विदेशी मेहमानों ने शादी के रिश्ते की इस कदर अहमियत की कल्पना भी नहीं की थी।
पहले हुई दोस्ती, फिर प्यार और अब शादी : कुमार सुंदरम जापान के टोकियो में बैंकर्स का जॉब करते हैं वहीं यूरी पेशे से इंटीरियर डिजाइनर है। कुमार सुंदरम के साथ यूरी की दोस्ती साल भर पुरानी है। पेशे से इंटीरियर डिजाइनर यूरी से कुमार सुंदरम की मुलाकात एक वर्ष पूर्व टोकियो में एक प्रदर्शनी के दरम्यान हुई थी इस छोटी सी मुलाकात में दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए। फिर मिलने जुलने का सिलसिला शुरू हो गया और फिर बात प्यार और उसके बाद शादी तक पहुंच गई।
प्यार पर परिवार की रजामंदी : एक समय दोनों एक अच्छे दोस्त बने इस बीच दोनों ने एक दूसरे के परिवार को भी समझने की कोशिश की कुमार सुंदरम के माता पिता जापान गए, जहां यूरी के साथ उनका मिलना जुलना हुआ। एक साल में दोनों ने जीवन साथी बनने का फैसला कर लिया। उनके इस फैसले में दोनो परिवार की रजामंदी मिल गई।