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इस तालाब के बीचोबीच एक करोड़ की लागत से बन रहा सूर्य मंदिर, दिव्यता में लगेंगे चार चांद Dhanbad News

सूर्य मंदिर का निर्माण राजस्थान के कलाकारों द्वारा कराया जा रहा है। मूर्ति भी यही कलाकार बना रहे हैं। सात घोड़ों पर सवार भगवान सूर्य की मूर्ति होगी।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 01:27 PM (IST)
इस तालाब के बीचोबीच एक करोड़ की लागत से बन रहा सूर्य मंदिर, दिव्यता में लगेंगे चार चांद Dhanbad News
इस तालाब के बीचोबीच एक करोड़ की लागत से बन रहा सूर्य मंदिर, दिव्यता में लगेंगे चार चांद Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। धनबाद को एक करोड़ की लागत के सूर्य मंदिर का तोहफा मिलने जा रहा है। सात घोड़ों पर भगवान सूर्य मनईटांड़ छठ तालाब के बीचों-बीच नजर आएंगे। यह छठ तालाब हजारों लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। 2020 में यहां भव्य सूर्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, इसका निर्माण जारी है। इस पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। सबसे अहम है कि यह मंदिर स्थानीय लोगों के आर्थिक सहयोग से बनाया जा रहा है। सूर्य मंदिर कमेटी मनईटांड़ छठ तालाब के श्यामल सेन ने बताया कि 2019 में ही मंदिर बन जाना था, लेकिन नहीं हो पाया। 2020 में यह मंदिर लोगों को समर्पित होगा। तालाब के बीच में सूर्य मंदिर निर्माण के लिए लगभग 20 साल पहले नींव रखी गई थी, लेकिन मंदिर का निर्माण नहीं हो सका था। रुके हुए निर्माण कार्य नए सिरे से शुरू हुआ है।

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राजस्थान के कलाकार बना रहे मंदिरः सूर्य मंदिर का निर्माण राजस्थान के कलाकारों द्वारा कराया जा रहा है। मूर्ति भी यही कलाकार बना रहे हैं। सात घोड़ों पर सवार भगवान सूर्य की मूर्ति होगी। लगभग पांच फीट की सूर्य की मूर्ति बनाई जा रही है। मंदिर कक्ष के केंद्र में धवल संगमरमर से बनी मूर्ति में भगवान भास्कर देव सारथी के साथ रथ पर सवार होंगे। उनके रथ में सात घोड़े ऐसी मुद्रा में लगाए जाएंगे, मानो अभी दौडऩे लगेंगे। इसके पीछे उदीयमान सूर्य का दृश्य उकेरा जाएगा। मंदिर में गायत्री मंत्र और प्रज्ञा गीत निरंतर चलते रहेंगे।

यह होगी खासियतः मंदिर के शिखर पर एक लेंस लगाया जाएगा। यही मंदिर की खासियत होगी। इस लेंस पर पडऩे वाली सूर्य की किरणों से मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की मूर्ति और भवन प्रकाशित होगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक मंदिर में सूर्य की रोशनी से ही प्रकाश रहे, कृत्रिम प्रकाश की आवश्यकता न रहे।


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