बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए आइआइटी धनबाद के छात्रों ने बनाया बडइन एप
आइआइटी धनबाद के विद्यार्थी आशीष रंजन दामिनी और कार्तिकेय ने लाकडाउन से उपजे हालात से बेरोजगार हो चुके लोगों के लिए एक उम्मीद जगाई है।
शशिभूषण, धनबाद : आइआइटी धनबाद के विद्यार्थी आशीष रंजन, दामिनी और कार्तिकेय ने लाकडाउन से उपजे हालात से बेरोजगार हो चुके लोगों के लिए एक उम्मीद जगाई है। दामिनी, आशीष और कार्तिकेय ने आइआइटी धनबाद से बीटेक और एमटेक की पढ़ाई की है। यह दामिनी के आविष्कार का नतीजा है कि काम करने और काम करवाने वाले दोनों एक दूसरे को आसानी से खोज लेंगे। दरअसल दामिनी और उनके मित्र ने बडइन एप बनाया है, जो घरेलू काम करने वाले और करवाने वालों के बीच एक सेतु का काम करता है। इससे न केवल जरूरतमंद घर बैठे उचित दामों पर अपने यहां काम करवाने वाले खोज लेते हैं, बल्कि उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। यह एप पूरी तरह से निश्शुल्क सेवा देने के उद्देश्य से बनाया गया है। 14 महीने की कड़ी मेहनत से बनाया एप :
बीटेक व एमटेक अप्लाइड जियोलाजी के छात्र रहे आशीष ने रंजन ने बताया कि लाकडाउन के बाद बहुत से लोगों का काम छूट गया। ऐसे में मित्र दामिनी अग्रवाल, कार्तिकेय शंकर, किसलय कुमार ने मिलकर 14 महीने में कड़ी मेहनत के बाद यह एप बनाया। इस एप को वेबसाइट के साथ लांच किया गया है। लांच होने के महज ढाई महीने में 15 हजार से अधिक यूजर रजिस्टर्ड हो चुके हैं। वहीं तीन हजार से अधिक हुनरमंद लोग अपना रोजगार चला रहे हैं। यह एप बेरोजगार हो चुके लोगों को रोजगार दिलाने में सहायता करता है। आशीष ने बताया कि यदि कोई बेरोजगार अपना कोई पोस्ट नहीं जोड़ सकता है तो वह एक वीडियो बनाकर जोड़ सकता है। इस तरह वह लोगों से वीडियो के माध्यम से सीधे जुड़ सकता है। पूरी तरह निशुल्क है यह एप :
दामिनी ने बताया कि यह एप्प पूरी तरह निश्शुल्क है। टीम का उद्देश्य है समाज में सेवा कर बेरोजगार बैठे हुनरमंदों तथा मेहनती लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाए। इस एप के माध्यम से सड़क किनारे पड़ी खाली जमीनों के मालिकों को भी जोड़ा गया है, जो कार, ट्रक, टैक्सी पार्किंग के लिए मुहैया कराकर पैसा कमा सकें। इसके अलावा ट्यूशन के लिए शिक्षक, मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग बडइन से जुड़कर अपना काम शुरू कर चुके हैं।