शिक्षक का मतलब बतलाने को हुई छात्र की पिटाई
छात्र की पिटाई करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद प्राचार्य ने दी सफाई।
धनबाद, जेएनएन। क्या एक शिक्षक के नाते इतना भी अधिकार नहीं है कि छात्र को दो हाथ लगा सकूं? यह अधिकार छिन गया तो छात्र पढ़ाई-लिखाई और डरना छोड देंगे। पढाई तो बिल्कुल ही नहीं करेंगे। यह कहना है केके पॉलीटेक्निक गोविंदपुर के प्राचार्य मनोज कुमार का।
एक छात्र की पिटाई करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद सफाई में प्राचार्य ने कहा है-छात्र को दुश्मनी के उद्देश्य से तो पीटा नहीं। उसे समझाने के लिए पिटाई की। बेरहमी ने नहीं पिटा। बेहरमी से नहीं पीटा। वीडियो देख कर पता चल जाएगा कि बेरहमी से पिटाई नहीं की गई। बेरहमी से पिटने का मतलब होता है कि डंडे से पिटाई करना और ऐसा नहीं किया है।
कुमार ने अपनी सफाई यह बताया कि संस्थान के चार छात्र पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन शराब और गांजा पीकर आते थे और अपशब्द का प्रयोग करते थे। घटना के दिन भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने जब बुलाकर समझाने का प्रयास किया तो भी छात्र नहीं माने। अपशब्दों का प्रयोग किया। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आरोपित छात्र एक जूनियर छात्र से पूछताछ कर रहा था, हालांकि उन्होंने रैगिंग की बात से इनकार किया। बताया कि संस्थान में जूनियर छात्रों से पूछताछ करना भी वर्जित है।
प्राचार्य ने इस मामले के आरोपित छात्र प्रतीक राज और अभिषेक कुमार के साथ-साथ दो अन्य को संस्थान से निकाल बाहर किया है। कुमार ने कहा कि इन चारों छात्रों को उनके घर भेज दिया गया। इन छात्रों में एक केके पॉलीटेक्निक का, दो केके यूनिवर्सिटी और एक केके इंजीनिय¨रग कॉलेज का छात्र है।