उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति...तीन माह बाद भी नहीं बना सकी कार्ययोजना
किसी भी योजना की खानापूर्ति किस तरह से की जाती है यह जिला प्रशासन ने बखूबी बताया। तीन माह पहले नवंबर 2020 में शहरी और ग्रामीण इलाकों में निर्बाध जलापूर्ति के लिए जिला प्रशासन ने पहल की। उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति तक गठित कर दी गई।
जागरण संवाददाता, धनबाद : किसी भी योजना की खानापूर्ति किस तरह से की जाती है, यह जिला प्रशासन ने बखूबी बताया। तीन माह पहले नवंबर 2020 में शहरी और ग्रामीण इलाकों में निर्बाध जलापूर्ति के लिए जिला प्रशासन ने पहल की। अगले पांच वर्ष तक की कार्ययोजना का एक्शन प्लान तैयार करने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति तक गठित कर दी गई। समिति गठित होने के 15 दिन के अंदर कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करना था। न तो कार्ययोजना बनी और न समिति की एक बार भी बैठक हुई। समिति के अध्यक्ष के तौर पर उपायुक्त, सदस्य सचिव डीडीसी और कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल संख्या एक व दो, इंद्रेश शुक्ला तकनीकी सदस्य झमाडा, अनूप कुमार सामंता कार्यपालक अभियंता जलापूर्ति नगर निगम, शुभम सिंघल आइटी मैनेजर डीएमएफटी शामिल हैं। समिति को समय-समय पर पेयजल आपूर्ति की योजनाओं की प्रगति एवं समस्याओं की समीक्षा नियमित रूप से करनी है। यह काम नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग हैंडपंप, इंटेक वेल आदि के माध्यम से जलापूर्ति करता है। शहरी क्षेत्र में तीन विभाग पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झमाडा व नगर निगम की ओर से जलापूर्ति की जाती है। प्रशासन ने समीक्षा के क्रम में पाया कि तीनों विभाग में समन्वय की कमी के कारण कई मौकों पर जलापूर्ति बाधित हुई है। इसे समन्वय एवं छोटे तकनीकी सुधारों से ही दूर किया जा सकता है। इसी उद्देश्य के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति गठित की गई।
इस पर बननी थी कार्ययोजना
- अगले पांच वर्ष में जिले में जनसंख्या की वृद्धि को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार करना।
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं की पंचायत एवं वार्डवार जीआइएस मैपिंग करते हुए तैयारी। यह देखा जाए कि कितनी जनसंख्या आज की तिथि में इससे लाभान्वित है एवं कितनी जनसंख्या वंचित है।
- मैपिंग करने के दौरान जिले में अभी तक निर्मित सभी प्रकार की पेयजल आपूर्ति योजनाओं की वर्तमान में कार्यशील स्थिति का पता लगाया जाए। जो क्रियाशील नहीं, उसे किस प्रकार से क्रियाशील बनाया जा सकता है।
- वर्तमान में कार्यरत जलापूर्ति योजनाओं के आपरेशन मेंटेनेंस की प्रभावी कार्ययोजना।
- अवैध कनेक्शन को रोकने की प्रभावी योजना।