चार ट्रेन बाद भी आंध्र प्रदेश जाना मुश्किल; नौ जून की छपरा-सिकंदराबाद में अब 23 जून से कंफर्म सीट
बिहार-झारखंड के प्रवासी कामगार किस रफ्तार से दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दक्षिण भारत जानेवाली चारों ट्रेनें फुल हो चुकी हैं। रक्सौल और दरभंगा से हैदराबाद और सिकंदराबाद जानेवाली दोनों ट्रेनें भर चुकी हैं।
धनबाद, जेएनएन : बिहार-झारखंड के प्रवासी कामगार किस रफ्तार से दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दक्षिण भारत जानेवाली चारों ट्रेनें फुल हो चुकी हैं। रक्सौल और दरभंगा से हैदराबाद और सिकंदराबाद जानेवाली दोनों ट्रेनें भर चुकी हैं।
रक्सौल-हैदराबाद स्पेशल ट्रेन में पूरे जून तक सेकेंड सीटिंग में अब टिकट भी उपलब्ध नहीं है। सेकेंड सीटिंग 25 जून तक नो रूम हो चुका है। स्लीपर से सेकेंड एसी तक लंबी वेटिंग लिस्ट है। यही हाल सप्ताह में दो दिन चलने वाली दरभंगा-सकंदराबाद स्पेशल का है। भीड़ थामने के लिए रेलवे ने दो और स्पेशल ट्रेनें चलाई हें। बावजूद वेटिंग लिस्ट कम नहीं हो रहा है। आठ जून की रात छपरा से खुलने वाली छपरा-सिकंदराबाद स्पेशल 16 जून तक भर गई। इस ट्रेन में अब 23 जून से कंफर्म सीट उपलब्ध है। हालांकि खाली सीटों की बुकिंग की रफ्तार भी तेज है।
सबसे पहले बुक हो रहे सेकेंड सीटिंग के टिकट, दूसरे नंबर पर स्लीपर
बड़े शहरों में जानेवाले कामगारों की संख्या बढ़ने के कारण सेकेंड सीटिंग के टिकटों की बुकिंग सबसे पहले हो रही है। पहले साधारण टिकटों पर सफर करने वाले कामगार अब सेकेंड सीटिंग को विकल्प के तौर पर चुन रहे हैं। दूसरे नंबर पर स्लीपर है। सेकेंड सीटिंग में टिकट न मिलने पर स्लीपर श्रेणी का टिकट बुक करा रहे हैं।
वापसी की ट्रेनों में कम हुई मारामारी, जब चाहें कंफर्म टिकट
बउ़े शहरों में अनलॉक की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू हो गई है। इसके साथ ही अब घर वापसी करने वाले कामगार कम हो गए हैं। इससे वापसी की ट्रेनों में मारामारी कम हो गई है। मुंबई मेल जैसी ट्रेन में वापसी का टिकट आसानी से उपलब्ध है। सात जून की रात खुलने मुंबई मेल भी कंफर्म सीट बुक करा सकते हैं जबकि मुंबई जानेवाली ट्रेनों में पूरे जून तक वेटिंग लिस्ट है। यही हाल दूसरे बड़े शहरों से लौटने वाली ट्रेनों का है।