साहिबगंज, जेएनएन। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक घाट पर सोमवार की शाम हुई स्टीमर दुर्घटना में लापला लोगों की खोच में एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। घटना के समय स्टीमर पर 8 ट्रक खड़े थे। इन ट्रकों में चालक और खलासी भी बैठे थे। पहले 8 ट्रक और 14 लोगों के गंगा में बह गए थे। 12 लोग घटना के बाद गंगा से निकलने में सफल रहे। अब दो लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है। हालांकि आधिकारिक रूप से कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ स्टीमर (पानी का जहाज) दुर्घटना की वजह ओवर लोडिंग बताई जा रही है।
पश्चिम बंगाल के मानिकचक घाट की ओर रवाना होने से पहले झारखंड के राजमहल घाट पर खड़ी स्टीमर।
मालदा जिला प्रशासन से मांगी गई अनुबंध की कॉपी
झारखंड के साहिबगंज जिले के राजमहल और पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक घाट के बीच मालवाहक स्टीमर का परिचालन होता है। झारखंड के साहिबगंज जिले से स्टोन चिप्स लोड ट्रक स्टीमर पर चढ़कर गंगा को पार कर पश्चिम बंगाल में प्रवेश करते हैं। बताया जा रहा है कि ट्रकों पर क्षमता से बहुत ज्यादा स्टोन चिप्स लोड कर दिया जाता है। इस वजह से सोमवार की शाम स्टीमर से ट्रकों को उतारने के दाैरान हादसा हो गया। स्टीमर के असंतुलित होते ही 8 ट्रक गंगा में पलट गए। घटना के समय ट्रकों पर 14 लोग सवार थे। ये सभी ड्राइवर-खलासी बताए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक घाट पर गंगा नदी में समाए ट्रकों व उसमें फंसे लोगों की खोज के लिए एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। राजमहल से भी मंगलवार को जरूरी उपकरणों को वहां भेजा गया। इसके बाद ट्रकों को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। दो चालकों के लापता होने की बात सामने आ रही है। हालांकि राजमहल एसडीओ हरिवंश पंडित ने बताया कि उन्हें एक ही व्यक्ति के मिसिंग होने की सूचना है। एसडीओ ने बताया कि मालदा जिला प्रशासन से जहाजों के संचालन के समय हुए अनुबंध की कापी मांगी गयी है। उसे देखने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि जहाजों का संचालन नियमानुसार हो रहा था या नहीं।
नियमों का नहीं होता पालन
राजमहल के गुदारा घाट से सोमवार की शाम खुला जहाज मालदा के मानिकचक घाट पर असंतुलित हो गया था। इस वजह से स्टोन चिप्स लदे आठ ट्रक गंगा में समा गये थे। अधिकतर ट्रकों में चालक व खलासी भी थे। घटना के बाद राहत व बचाव दल ने दस लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था। कुछ लोग स्वयं भी निकल गये थे। दो लोगों के अब भी लापता होने की बात सामने आ रही है। जहाज पर दस ट्रक, दो स्कार्पियो, एक ठेला आदि लदा हुआ था। उधर, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उपनिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि रात में जहाजों के परिचालन पर कोई रोक नहीं है लेकिन इसके लिए प्राधिकरण की अनुमति जरूरी है। लेकिन यहां इस नियम का पालन नहीं किया जाता है। इस वजह से हादसे होते हैं।
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