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Startup India: ट्रेनों के परिचालन में करें रेलवे की मदद, अगर आइडिया पसंद आया तो डेढ़ करोड़ रुपये मिलेंगे

रेलवे की स्टार्टअप पाॅलिसी में धनबाद स्थित आइआइटी आइएसएम समेत कई शीर्ष स्टार्टअप कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इनोवेटर चार जुलाई के दोपहर तीन बजे तक अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय रेल की इनोवेशन पोर्टल वेबसाइट www.innovation.indianrailways.gov.in पर जाना होगा।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 01:37 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 01:37 PM (IST)
पहले चरण में रेल परिचालन से जुड़ी 11 विभिन्न प्रकार की चुनौतियों की पहचान की गई है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: भारतीय रेल स्टार्टअप के माध्यम से उन्नत तकनीक को अपनाकर ट्रेनों के परिचालन में आने वाली चुनौतियों से निपटेगी। नई इनोवेशन पालिसी के माध्यम से समाधान के लिए पहले चरण में रेल परिचालन से जुड़ी 11 विभिन्न प्रकार की चुनौतियों की पहचान की गई है और उन्हें पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

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इन चुनौतियों का सामना करने के लिए रेलवे स्टार्टअप की मदद लेगी और स्टार्टअप कंपनियां या इनोवेटर रेलवे के विकास में योगदान दे सकेंगे। धनबाद रेल मंडल और पूर्व मध्य रेल स्तर पर इंटरैक्शन सेशन का भी आयोजन हो चुका है। रेलवे की स्टार्टअप पाॅलिसी में धनबाद स्थित आइआइटी आइएसएम समेत कई शीर्ष स्टार्टअप कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इनोवेटर चार जुलाई के दोपहर तीन बजे तक अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय रेल की इनोवेशन पोर्टल वेबसाइट www.innovation.indianrailways.gov.in पर जाना होगा।

इस पोर्टल के माध्यम से इच्छुक स्टार्टअप, इनोवेटर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमी आनलाइन प्रस्ताव भेज सकते हैं। अगले चरण में सात जुलाई को दोपहर 3:30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रेल मंत्रालय की ओर से स्टार्टअप फार रेलवे पर एक इंटरैक्टिव सेशन का भी आयोजन किया जा रहा है । अगर वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल होना चाहते हें तो लिंक के लिए ईमेल innovation@rb.railnet.gov.in पर अनुरोध कर सकते हैं ।

स्टार्टअप पाॅलिसी में यह होगा खास

- इनोवेटर को समान साझेदारी के आधार पर 1.5 करोड़ रुपए तक का अनुदान।

- समस्याओं के समाधान के लिए अस्थायी से लेकर प्रोटोटाइप के विकास तक की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए निर्धारित समयावधि में आनलाईन की जाएगी।

- प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर बढ़ी हुई धनराशि प्रदान की जायेगी।

- इनोवेटर्स का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली के तहत होगा।

- विकसित इंटेलेक्चुवल प्राॅपर्टी राइट्स (आइपीआर) इनोवेटर्स के पास ही रहेगा।

- इनोवेटर को एस्योर्ड डेवलेपमेंटल आर्डर।

- विलंब से बचने के लिए उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।

पहले चरण में इन तकनीकों के लिए स्टार्टअप

- ब्रोकेन रेल डिटेक्सन सिस्टम

- रेल स्ट्रेस माॅनीटरिंग सिस्टम

- उपनगरीय खंडों का भारतीय रेलवे के राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ समन्वय करके हेडवे इंप्रूवमेंट सिस्टम

- ऑटोमेशन ऑफ ट्रैक इंस्पेक्शन एक्टिविटीज

- डिजाइन ऑफ सुपीरियर इलास्टोमेरिक पैड फार हैवी हाल फ्रेट वैगंस

- थ्री फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए आनलाइन कंडीशन मानिटरिंग सिस्टम का विकास

- नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन का विकास

- यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डाटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास

- ट्रैक क्लिनिंग मशीन

- पोस्ट ट्रेनिंग रिवीजन व सेल्फ सर्विस रिफ्रेशर कोर्स के लिए ऐप

- पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआइएस का उपयोग।


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