पूरी तरह विफल रहा बीसीसीएल का स्पाॅट ई-ऑक्शन, बिना स्टॉक ऑफर निकाल रही कंपनी
कोयला कारोबारी इसकी वजह बीसीसीएल के अव्यावहारिक रवैये और गलत निर्णय को बता रहे हैं लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि बीसीसीएल ऑन पेपर जो स्टॉक दिखा रही है उतना कोयला उसके पास है ही नहीं। वह बिना कोयला के ऑफर निकाल रही है।
जेएनएन, धनबाद: बीसीसीएल का स्पाॅट ई-ऑक्शन मंगलवार को पूरी तरह विफल रहा है। तीन कोलियरियों को छोड़कर बाकी कहीं भी कोयले की बोली नहीं लगी। कोयला कारोबारी इसकी वजह बीसीसीएल के अव्यावहारिक रवैये और गलत निर्णय को बता रहे हैं, लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि बीसीसीएल ऑन पेपर जो स्टॉक दिखा रही है, उतना कोयला उसके पास है ही नहीं। वह बिना कोयला के ऑफर निकाल रही है।
स्टॉक में नहीं है कोयला: कोल कारोबारी शेर बहादुर सिंह के मुताबिक, बीसीसीएल के पास स्टाॅक में कोयला ही नहीं है। यहां तक कि कांटा पहाड़ी भी खाली है। वह सिर्फ कागज में ही दिखा रही है कि इतना कोयला बचा हुआ है। खुद को बचाने के लिए। ऐसे में कोयला कहां कहां से बिकेगा।
डिस्पैच पर ध्यान नहीं: कोयला व्यवसायी मनीष झा के मुताबिक, बीसीसीएल के अधिकारियों का डिस्पैच पर ध्यान ही नहीं रहता। ट्रक 10 दिन 15 दिन कोयले के इंतजार में पड़े रहते हैं। उन्हें उस गुणवत्ता का कोयला नहीं दिया जाता जिसके लिए ऑफर निकाला गया है। मैनेजमेंट को इसकी चिंता भी नहीं रहती। दूसरी तरफ ईसीएल सीसीएल में 1 दिन ट्रक खड़ा रह जाए तो हंगामा हो जाता है।
अधिक कीमत पर कोयला दे रही बीसीसीएल: कोयला व्यवसायी उपेंद्र कुमार के मुताबिक बीसीसीएल की दर अधिक है। कोरोना काल के बाद बगल के ईसीएल, सीसीएल ने 25 फीसद रेट बढ़ाया है और बीसीसीएल 40 फीसद बढ़ा दी है। इतने अधिक रेट में कोयले का अभी बाजार नहीं है। इसलिए कारोबारियों ने ध्यान नहीं दिया।
लिंकेज वाले कर रहे ब्लैक मार्केटिंग: कारोबारी शंकर अग्रवाल के मुताबिक, लिंकेज वालों को ₹2000 टन लगभग कोयला दिया गया है। जितना कोयला दिया गया है उतना कि उन्हें जरूरत नहीं और वह कोयला सस्ती दर पर बाजार में आ जाता है। जिस दर पर वह बाजार में बेच देते हैं, उस दर में हमारी खरीदारी होती है। कोयला कहां से बिकेगा। अभी सारे उद्योग धंधे भी नहीं शुरू हुए हैं। ऊपर से बीसीसीएल ने रिजर्व प्राइस भी 40 फीसद बढ़ा दी है।