सरकार की उदासीसनता से तीरंदाज धनबाद से कर रहे पलायन
धनबाद के दर्जनों तीरंदाज सरकार की उदासीनता के कारण दूसरे जिले या राज्य में पलायन करने को मजबूर हैं। वहां वे उस जिले या राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं।
जामाडोबा : धनबाद के दर्जनों तीरंदाज सरकार की उदासीनता के कारण दूसरे जिले या राज्य में पलायन करने को मजबूर हैं। वहां वे उस जिले या राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। विडंबना यह है कि झारखंड में सरकार की ओर से लगभग हर जिलों में तीरंदाजी का एकेडमी व डे बोíडंग शुरू कर दिया गया है। लेकिन झारखंड में अभी तक ना तो कोई तीरंदाजी एकेडमी और ना ही कोई डे बोíडंग। उक्त बातें मशहूर तीरंदाज श्वेता कुमारी ने डिगवाडीह स्टेडियम में पत्रकारों से कही। कहा कि यहां प्रतिभावान खिलाड़ियों का भंडार है। जरूरत है पहचान कर उसे मार्गदर्शन व आíथक मदद के साथ एक्यूमेंट प्रबंधन की। ताकि धनबाद जिले के तीरंदाज दूसरे जिले या राज्य में पलायन को मजबूर न हों। श्वेता ने कहा कि आज धनबाद में एक अच्छी एकेडमी होती या हमें खिलाड़यिों को आíथक मदद या तीर-धनुष खरीदने के लिए सरकार से मदद मिलती तो मैं अपने ही धनबाद जिले से खेलकर अपने जिले का नाम रोशन करती। कहा कि हमें गर्व है कि खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल जीतकर और अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं। बताया कि इससे पहले भी 2018-19 के एसजीएफआइ कटप्पा आंध्र प्रदेश में प्रतियोगिता हुई थी। इसमें मोहम्मद आदिल अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सका।, क्योंकि उनके पास तीर-धनुष नहीं था। यदि उनके पास तीर-धनुष होता तो वे भी अपने जिले के लिए स्वर्ण पदक नेशनल में जीतकर लाते। जिले का नाम रोशन करते।