अंधेरे के विरोध में सामाजिक संगठनों ने भाजपा सरकार पर बोला हमला, 27 को धरना-प्रदर्शन
बिजली संकट के विरोध में 27 सिंतबर को रणधीर वर्मा चौक पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद समेत झारखंड के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में अभूतपूर्व बिजली संकट से पसरे अंधेरे के विरोध में सामाजिक संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। बिजली संकट को समाप्त कर उजाला लाने के लिए मैथन स्थित डीवीसी कार्यालय का घेराव करने का निर्णय लिया है। इससे पहले 27 सितंबर को रणधीर वर्मा चौक पर धरना-प्रदर्शन होगा। उस दिन सरस मेला के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री सह बिजली मंत्री रघुवर दास धनबाद आने वाले हैं।
डीवीसी की कटौती के कारण धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और जामताड़ा जिले में अभूतपूर्व बिजली संकट है। घोषित रूप से 10 से 12 बिजली कट हो रही है। अघोषित इससे ज्यादा है। एक महीने से ज्यादा समय से जारी संकट के बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने पर सामाजिक संगठनों ने सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है। शनिवार को धनबाद सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन कर झारखंड की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला बोला। इस मौके पर जिला परिषद सदस्य, चेंबर, आइएमए, बार एसोसिएशन, मुखिया संघ जैसे संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि बिजली आपूर्ति का अधिकार सीधे रूप से डीवीसी या एमपीएल को दे देना चाहिए। इससे धनबाद को 24 घटे बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा, झारखंड में ही बिजली संकट है। जबकि बिहार, ओडिसा और प. बंगाल को डीवीसी द्वारा निर्बाध बिजली दी जा रही है। झारखंड में भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी चरम पर है। इस कारण सरकार डीवीसी का बिल भुगतान नहीं कर पा रही है।
ऑपरेशन से पहले मरीज के परिजनों से डॉक्टर मांग रहें बैटरी : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. सुशील ने कहा कि बिजली के कारण ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। स्थिति यह हो गई है कि डॉक्टरों को ऑपरेशन से पहले दवाई के साथ मरीज के परिजनों से टॉर्च की बैटरी मांगनी पड़ रही है। टॉच की रोशनी में ऑपरेशन करना पड़ रहा है।
उद्योग-धंधा चौपट : धनबाद जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि बिजली संकट के कारण उद्योग व्यवसाय चौपट हो गया है। बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद झारखंड सरकार गंभीर नहीं है। ऐसे में उद्योग व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों के पास अब आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं है।