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SNMMCH: नवजात की मौत, अब खून की कमी से प्रसूता की जान पर खतरा Dhanbad News

एसएलएनएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भर्ती गोविंदपुर के मेहराडीह निवासी 22 वर्षीय मंजू देवी जिंदगी मौत से जूझ रही है। 22 अगस्त को गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंजू का प्रसव हुआ था। पहले से वह एनीमिया से पीड़ित थी।

By Atul SinghEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 03:58 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 04:00 PM (IST)
SNMMCH: नवजात की मौत, अब खून की कमी से प्रसूता की जान पर खतरा Dhanbad News
22 अगस्त को गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंजू का प्रसव हुआ था। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवादाता, धनबाद: एसएलएनएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भर्ती गोविंदपुर के मेहराडीह निवासी 22 वर्षीय मंजू देवी जिंदगी मौत से जूझ रही है। 22 अगस्त को गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंजू का प्रसव हुआ था। पहले से वह एनीमिया से पीड़ित थी। प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई। अब मंजू की स्थिति गंभीर हो गई है। चिकित्सकों ने 5 यूनिट बी पॉजिटिव खून की जरूरत बताई है। अस्पताल की पहल पर अब तक दो यूनिट बी पॉजिटिव रक्त उपलब्ध कराया गया है। बाकी तीन यूनिट खून के लिए समाजसेवी संस्थाओं से संपर्क किया गया है।

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क्या है मामला

मंजू के पति नरेश किस्कू ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने के बाद 21 अगस्त को गोविंदपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया था। 22 अगस्त मंगलवार तड़के नवजात का जन्म हुआ, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। गोविंदपुर में चिकित्सकों ने बताया कि मंजू के शरीर में मात्र 5 ग्राम हीमोग्लोबिन है। गंभीर स्थिति में मंजू को गोविंदपुर से एसएनएमएमसीएच में रेफर कर दिया गया। इसके बाद 2 दिनों से खून के लिए परिवार के सदस्य चक्कर काट रहे हैं। ब्लड बैंक की ओर से भी खून की कमी बताई गई। हालांकि सूचना के बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके बरनवाल और सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ राजकुमार सिंह के पहल पर दो यूनिट रक्त उपलब्ध कराया गया है।

ब्लड बैंक में खून की कमी से परेशानी

ब्लड बैंक में फिलहाल खून की भारी किल्लत चल रही है। मात्र 2 दर्जन के आसपास ही यूनिट रक्त जमा है। ऐसे में जरूरतमंदों को खून के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर वैसे लोगों को ज्यादा परेशानी है, जिनके पास डोनर की भी कोई व्यवस्था नहीं है। एसएनएमएमसीएच में जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत प्रसव कराया जाता है। इसके तहत प्रसूता को निशुल्क रक्त उपलब्ध कराना है। लेकिन खून की भारी किल्लत होने की वजह से यह नहीं हो पा रहा है।


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