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पश्चिम बंगाल संपर्क क्रांति से छह लड़कियां बरामद, गंदा धंधा कराने भेजी जा रही थी दिल्ली

आसनसोल रेल मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त चंद्रमोहन मिश्रा ने बताया कि आरपीएफ टीम मतांगिनी सियालदह से आनंद विहार जानेवाली ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था देख रही थी। डी-2 कोच से छह लड़कियां बरामद की गई। देह व्यापार कराने के लिए दिल्ली भेजी जा रही थी।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 11:47 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 12:10 PM (IST)
पश्चिम बंगाल संपर्क क्रांति से छह लड़कियां बरामद, गंदा धंधा कराने भेजी जा रही थी दिल्ली
सियालदह-दिल्ली एक्सप्रेस से छह लड़किया बरामद ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद/ आसनसोल। देह व्यापार के लिए नई दिल्ली ले जाई जा रही छह लड़कियों को आसनसोल रेल पुलिस ने सियालदह-आनंद विहार पश्चिम बंगाल संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से बरामद किया है। इनके साथ जा रहा दलाल भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। उसे प्रति लड़की 15 हजार रुपये मिलने थे। पुलिस उससे पूछताछ में जुटी है, ताकि पूरा गिरोह बेनकाब हो सके। मुक्त कराई गई लड़कियों में चार नाबालिग हैं। इन सभी को आसनसोल रेलवे स्टेशन पर उतारा गया है। पूछताछ में आरपीएफ को मानव तस्करी से जुड़े रैकेट के खुलासा होने की उम्मीद है।

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डी-2 कोच से बरामद की गई लड़कियां

आसनसोल रेल मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त चंद्रमोहन मिश्रा ने बताया कि आरपीएफ टीम मतांगिनी सियालदह से आनंद जानेवाली ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था देख रही थी। मंगलार को जांच के दौरान डी-2 कोच में कुछ लड़कियों को टीम ने देखा। टीम को प्रतीत हुआ कि लड़कियों को जबरन ले जाया जा रहा है तो उनसे पूछताछ शुरू कर दी। बस लड़कियां रोने लगीं। बताया कि वे 24 परगना के एक गांव की रहने वाली हैं। उनके साथ चल रहा तौफ अली उनको दिल्ली में नौकरी लगाने के लिए ले जा रहा है। मगर उसके क्रियाकलाप देखकर हमें पता चल गया है कि वह गलत काम के लिए ले जा रहा है। तब उन सभी को आसनसोल स्टेशन पर उतारा गया। दलाल तौफ को भी पकड़ लिया गया। उसका कहना है कि दिल्ली पहुंचने पर एक लड़की के एवज में उसे 15 हजार रुपये मिलते। पूछताछ में और जानकारियां जुटाई जा रही हैं।

चाइल्ड लाइन को साैंपी गई लड़कियां

लड़कियों को बरामद करनेके बाद आरपीएफ ने मामले को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जीआरपी को के हवाले कर दिया है। जबकि नाबालिगों को चाइल्ड लाइन को सौंपी गई है। लड़कियों को मुक्त कराने वाली  मतांगिनी टीम में इंस्पेक्टर आलोक कुमार गोराई, एसआइ शुभ्रा दे, महिला जवान सुजाता मारुति जाधव थीं।


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