Swadeshi Vaccine: मोदी सरकार के वैक्सीन पर सवाल उठाने वालों को झरिया के 'सिंह बंधुओं' का जवाब, उठाया यह कदम
Swadeshi Vaccine स्वदेशी वैक्सीन को लेकर राजनीति शुरू हुई तो झरिया के अभिषेक सिंह को यह बात अच्छी नहीं लगी। उन्होंने भ्रम और अफवाह को दूर करने के लिए खुद पर स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल करवाने का निर्णय लिया।
धनबाद [ जागरण स्पेशल ]। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DGCI) ने देश में कोरोना वायरस के इलाज के लिए दो वैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति दे दी है। नाम हैं-कोविशील्ड और कोवैक्सीन। कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का भारतीय संस्करण है। जबकि कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है जिसे 'स्वेदेशी' वैक्सीन कहा जा रहा है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र में सत्तासीन भाजपा के धुर विरोधी दल 'मोदी वैक्सीन' कहकर सवाल उठा रहे हैं। इसी के साथ राजनीति शुरू हो गई है। स्वदेशी वैक्सीन पर सवाल उठाने वाले आम जनता की जान से खिलवाड़ बता रहे हैं। वैक्सीन पर इस राजनीति पर झारखंड के धनबाद जिले के झरिया के अभिषेक सिंह और उनके दो भाई-आलोक सिंह और अविनाश सिंह ने अपने अंदाज में जवाब दिया है। आम लोगों के बीच स्वदेशी वैक्सीन के डर को दूर करने के लिए जान की परवाह न करते हुए पटना स्थित एम्स में जाकर खुद पर कोवैक्सीन का टीका लगवाया है।
सबसे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उठाया सवाल
कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने के बाद कई लोगों ने सवाल उठाए कि बगैर तीसरे ट्रायल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कैसे इजाजत दे दी गई। सवाल उठाने वालों में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर सबसे आगे निकले। उन्होंने ट्वीट किया था-कोवैक्सीन का अभी तक तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है, बिना सोचे-समझे अनुमति दी गई है जो कि खतरनाक हो सकती है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी वैक्सीन को लेकर टूट पड़े।
The Covaxin has not yet had Phase 3 trials. Approval was premature and could be dangerous. @drharshvardhan should please clarify. Its use should be avoided till full trials are over. India can start with the AstraZeneca vaccine in the meantime. https://t.co/H7Gis9UTQb" rel="nofollow
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 3, 2021
पटना जाकर झरिया के पांच युवकों ने लगवाया टीका
स्वदेशी वैक्सीन को लेकर राजनीति शुरू हुई तो झरिया के अभिषेक सिंह को यह बात अच्छी नहीं लगी। उन्होंने भ्रम और अफवाह को दूर करने के लिए खुद पर स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल करवाने का निर्णय लिया। इसके लिए अपने दोनों सहोदर भाई- आलोक सिंह और अमित सिंह के साथ चर्चा की। दोनों भाई भी टीका लगवाने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद अभिषेक सिंह ने अपने दो दोस्तों-अनिकेत और दीपक को भी साथ लिया। पांचों बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स के लिए निकल पड़े। वहां जाकर पांचों ने स्वदेशी कोरोना वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लिया। पांचों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
वैज्ञानिकों को हतोत्साहित करने की राजनीति ठीक नहीं
झरिया की समस्याओं को लेकर हमेशा आवाज उठाने वाले अभिषेक सिंह ने कहते हैं- स्वदेशी वैक्सीन पर राजनीति ठीक नहीं है। इस वैक्सीन को प्रधानमंत्री मोदी या भाजपा के किसी नेता-कार्यकर्ता ने नहीं बनाया है। इसे हमारे देश के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। हमारे वैज्ञानिक दूसरे देश के वैज्ञानिक से कम थोड़े हैं। अगर हम अपने देश के वैज्ञानिकों की खोच और उपलब्धियों पर सवाल उठाएंगे तो इसका नुकसान किसका होगा? जवाब साफ है कि देश और देश के वैज्ञानियों का होगा। वैज्ञानिक हतोत्साहित होंगे। इसीलिए हमने टीका परीक्षण में भाग लेने का निर्णय लिया। यह एक अच्छा देश सेवा है। अभिषेक ने बताया कि परीक्षण के बाद हम पांचों पर कोई साइड इफैक्ट नहीं है। पूरी तरह से स्वस्थ हैं। सवाल उठाने वाले अगर सचमुच में देश की जनता को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें सबसे पहले खुद पर ट्रायल करवाने के लिए सामने आना चाहिए।