सिफर आज गुड़गांव व बेंगलुरू को सौंपेगा डिजिटल खनन तकनीक
केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान ( सिफर) विज्ञानी इंटरनेट ऑफ थिग्स की मदद से विकसित खनन की डिजिटल प्रौद्योगिकी अब देश की कई निजी इकाईयों को हस्तांतरित करेंगे।
धनबाद : केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान ( सिफर) विज्ञानी इंटरनेट ऑफ थिग्स की मदद से विकसित खनन की डिजिटल प्रौद्योगिकी अब देश की कई निजी इकाईयों को हस्तांतरित करेंगे। इनमें मेसर्स नॉलेज लेंस प्राइवेट, बेंगलुरु, मेसर्स कोर्सोनेंट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एलकॉम टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम शामिल हैं। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए मंगलवार को समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। अवसर होगा सिफर के 75वें स्थापना दिवस समारोह का। वेब-प्लेटफॉर्म पर आयोजित होनेवाला कार्यक्रम फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर प्रसारित होगा। प्लैटिनम जुबली समारोह में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मुख्य अतिथि होंगे।
सिफर निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अनुरूप आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कुशल और डिजिटलीकृत सुरक्षित खनन की दिशा में एक मुख्य कदम है। उन्होंने बताया कि सामरिक एवं आधारिक क्षेत्रों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, हॉट स्टैंपिग की सुविधा सहित नॉन रिकवरी कोक संयंत्र, प्रेशराईज्ड फ्लूडाईज्ड बेड गैसीफिकेशन प्रायोगिक संयंत्र का लोकार्पण भी होगा।
कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत और
सीएसआइआर महानिदेशक शेखर मांडे भी मौजूद रहेंगे। डॉ. सारस्वत स्थिरता के लिए प्रौद्योगिकी परिवर्तन, हम कहां हैं और कहां जा रहे हैं विषय पर व्याख्यान देंगे। इसके अलावा विगत 75 वर्षों के दौरान खनन एवं ऊर्जा क्षेत्रों में संस्थान की ओर से विकसित की गई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों सहित प्रमुख शोध कार्यों एवं उपलब्धियों पर चर्चा की जाएगी। अनुसंधान परिषद के सदस्य, सीएसआइआर के सभी 37 प्रयोगशालाओं के निदेशक, आइआइटी व एनआइटी के प्रमुख, सरकारी नियामक प्राधिकरण के प्रमुख, नीति निर्माता, खनन और ईंधन क्षेत्र से जुड़े उद्योग पार्टनरों के प्रतिनिधि वेब के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।