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सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या के खिलाफ भाजपा का मौन धरना, कहा- राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति चरमराई

भाजपा के विधायक राज सिन्हा ने राज्य की हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासन के अधिकारी राजनीतिक दबाव के कारण काम नहीं कर पा रहे।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 10:03 PM (IST)
सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या के खिलाफ भाजपा का मौन धरना, कहा- राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति चरमराई
सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या के खिलाफ भाजपा का मौन धरना, कहा- राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति चरमराई

धनबाद, जेएनएन। राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी राजनीतिक दबाव के कारण काम नहीं कर पा रहे। विद्वेष के तहत विपक्षी नेताओं व कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जा रही है। यह आरोप भाजपा के विधायक राज सिन्हा ने मंगलवार को लगाए। वे दो घंटे के मौन धरना के बाद उपायुक्त को ज्ञापन देने जाते समय पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि भोगनाडीह का मामला इसी का उदाहरण है। झारखंड के अमर शहीद सिदो-कान्हु के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या उनके ही गांव में कर दी गई। इस मामले में समुदाय विशेष का नाम आना और पुलिस का विफल रहना साबित करता है कि वे दबाव में काम कर रहे हैैं। मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा में यह स्थिति है तो राज्य के अन्य हिस्से की बात क्या कही जाए।

जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि धनबाद में सत्ताधारी दल के लोग दो दिन से लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। दूसरी तरफ भाजपा के नेताओं पर शांति बनाने के प्रयास में भी मुकदमे किये जा रहे हैैं। यह सीधे तौर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात है। इसके प्रति हम सबको सचेत होना होगा।

बता दें कि भाजपा ने हूल दिवस के अवसर पर पूरे राज्य में दो घंटे का मौन धरना दिया था। विषय संताल हूल के नायक सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या व राज्य में विधि-व्यवस्था का संकट था। धरना के बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी दिया गया। इसमें रामेश्वर मुर्मू की हत्या की सीबीआइ जांच कराना, मृतक की पत्नी को 10 लाख रुपये मुआवजा देना व सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। धरना में रागिनी सिंह, चंद्रशेखर अग्रवाल, संजय झा, रामप्रसाद महतो, नितिन भट्टï, संजीव अग्रवाल, देवाशीष पाल, मनोज सिन्हा, विष्णु त्रिपाठी, अमलेश सिंह, निर्मल प्रधान, प्रीतपाल सिंह आजमानी, मौसम सिंह, बप्पी दे, निताई चटर्जी, ज्ञानरंजन सिन्हा, रमेश राही, शिवेंद्र सिंह सोनू, अजय सिंह, पप्पू सिंह, रजनीश तिवारी, सुधा मिश्रा, उमेश सिंह आदि शामिल थे।


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