बेंगलुरू में काम करने वाले कामगार अब अपने गांव में करेंगे खेती
धनबाद लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बड़े शहरों से कामगारों की घर वापसी का सिलसिला जारी है।
धनबाद : लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बड़े शहरों से कामगारों की घर वापसी का सिलसिला जारी है। खासतौर पर बेंगलुरु से झारखंड बिहार और उत्तर प्रदेश के कामगार बड़े पैमाने पर वापस आ रहे हैं। सोमवार को भी बेंगलुरु से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन धनबाद पहुंची। गोरखपुर जा रही इस ट्रेन में 1600 से ज्यादा लोग सवार थे। इनमें झारखंड के भी 81 कामगार थे, जिन्हें धनबाद स्टेशन पर उतार लिया गया। बेंगलुरु से लौटे कामगारों का कहना है कि उन्हें वहा काम नहीं मिल रहा था। लॉकडाउन खत्म होने के बाद परिस्थिति बदली तो है पर कामगारों को काम नहीं मिल रहा है। ठीकेदार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। फैक्ट्री और कंपनियों में जाने पर वहा भी कोई जवाब नहीं मिलता है। इसी कारणअपने अपने घर लौट रहे हैं। जिनके पास अपनी जमीन है वह किसानी करेंगे और जिनके पास नहीं है, वे मेहनत-मजदूरी करके काम चलाएंगे।
गिरिडीह के रमेश महतो ने बताया कि बेंगलुरु में संगमरमर काटने का काम करते थे। मार्च में जब बंदी हुआ, तभी से एक अधूरे बने भवन में रह रहे थे। ठीकेदार कुछ दिन का खर्चा देकर चला गया था। पैसा खत्म हो गया तो काम ढूंढने लगे पर कहीं नहीं मिला। फिर पता चला कि एक जून को बंदी खत्म होगा तो काम मिलेगा। जून भी पार होने लगा और जब कोई उपाय नहीं हुआ तो घर चले आए। कहा, अभी मानसून सीजन में खेती करेंगे। इसके बाद घर के लोगों से बात करेंगे।
इन जिलों के आए कामगार : स्पेशल ट्रेन से धनबाद, साहिबगंज और जामताड़ा के दो-दो, बोकारो के 10, गिरिडीह के 22, हजारीबाग के 19, चतरा और दुमका के पाच-पाच, गोड्डा के सात, देवघर के छह तथा पाकुड़ के एक श्रमिक पहुंचे।