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Weekly News Roundup Dhanbad: साहब की बेरुखी और चेंबर की राजनीति बोले तो- बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले

लॉकडाउन को लेकर जब शहर की सभी दुकानें बंद थीं सब्जी राशन और दवा की दुकानें ही खोलने का आदेश था उस स्थिति में शहर में एक व्यवसायी नेता ने अपना चक्कर चलाया।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 11:12 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 07:30 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: साहब की बेरुखी और चेंबर की राजनीति बोले तो- बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले
Weekly News Roundup Dhanbad: साहब की बेरुखी और चेंबर की राजनीति बोले तो- बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले

धनबाद [ नीरज दुबे ]। शहर के व्यवसायियों के दो बड़े नेताओं को बड़ा झटका लगा है। दोनों इससे उबरने की कोशिश कर रहे हैैं। बड़े अधिकारियों से संपर्क स्थापित करने का उनका फंडा इस बार फेल हो गया। हालांकि अपनी ओर से उन्होंने पूरी तैयारी की थी और बड़े साहब तक पहुंचना चाह रहे थे, मगर काम नहीं बना। हुआ यूं कि पुलिस के बड़े साहब ने जब धनबाद में योगदान दिया तो कुछ ही दिन बाद दोनों नेता बड़ी गाड़ी से उतरे, गुलदस्ता और मिठाई के पैकेट के साथ। साहब से मिलने उनके दफ्तर पहुंच गए मगर उनका अंदाज अलग है। बगैर काम मिलने से परहेज करते हैैं। खुफिया कैमरे पर उनकी निगाह रहती है। दोनों पहुंचे तो चैंबर के बाहर निर्देशानुसार सिपाही ने आने का कारण पूछा। उन्होंने मुस्कुराते हुए औपचारिक भेंट करने की बात कही। फिर साहब कैसे मिलते। दोनों को बैरंग लौटना पड़ गया।

लॉकडाउन में चल गया धंधा
लॉकडाउन को लेकर जब शहर की सभी दुकानें बंद थीं, सब्जी, राशन और दवा की दुकानें ही खोलने का आदेश था, उस स्थिति में शहर में एक व्यवसायी नेता ने अपना चक्कर चलाया। उनका कारोबार लॉकडाउन के दौर में भी जोरों पर चला। तीसरे चरण के लॉकडाउन में किताब और कॉपी की दुकानें खुलनी थीं मगर एहतियात के तौर पर प्रशासन ने यह आदेश जारी नहीं किया। बच्चों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित न हो, इसके लिए व्यवसायी के आग्रह पर स्कूल में ही किताबों के स्टॉल खोले गए। अब मजा देखिए, व्यवसायी नेता ने यहां भी अपनी दाल गला ली। जहां शहर में किताब की दुकानें बंद थीं, इन महाशय ने खुद की दुकान स्कूल में ही सजा ली। जाहिर है कि ये ऐसे ही तो नहीं हो गया होगा, कुछ न कुछ तिकड़म जरूर भिड़ानी पड़ी होगी। यही समय को पकडऩे की समझ है।

निलंबित होंगे तो दारोगा ही रहेंगे
कप्तान साहब ने जबसे धनबाद में पदभार संभाला है, पुलिस व कोयला चोरों में हड़कंप मचा है। कोयला चोर इस बात को लेकर डरे सहमे हैैं कि पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं कई पुलिसवाले भयभीत हैं कि कहीं निलंबन की गाज ना गिर जाए। इन सबके बीच कुछ पुलिसकर्मी पुराने तरीके से ही व्यवस्था चलाने के मूड हैै। इन दिनों जिले के एक चर्चित थाना में बड़े साहब के तेवर की चर्चा खूब चल रही है। एक दारोगा ने अपने साथी पुलिसकर्मी से कहा- सत्ता पक्ष से जुड़े नेता ही अगर कोयला चलाएंगे तो पुलिस क्या करेगी। अब बड़े साहब भले ही निलंबित कर दें, इससे क्या फर्क पड़ेगा। निलंबित होने के बाद भी तो दारोगा ही रहेंगे। धनबाद में चाहे कोई भी आ जाए, कोयले की तस्करी पूरी तरह से रोक देना असंभव है। बड़े साहब जिले में आखिर कहां-कहां देखेंगे।

अब तो मरीज की फीलिंग हो रही
सरायढेला थाना के 11 पुलिसकर्मियों की कोविड-19 की जांच होने के बाद वहां का सीन ही बदल गया है। पुलिसकर्मी थाना में ही क्वारंटाइन की जिंदगी बिताने के लिए विवश हैैं। कोई व्यक्ति शिकायत लेकर नहीं पहुंच रहा है। हालात ये हैं कि वहां ड्यूटी करनेवाले अब खुद को कोरोना मरीज की तरह फील करने लगे हैं। एक पुलिस पदाधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि सोमवार की सुबह से चार लोग भी थाना नहीं पहुंचे। किसी से भेंट करना मुश्किल हो गया है। पेट्रोलिंग गाड़ी में जब निकलते थे तो जाननेवाले रुक कर राम सलाम करते थे परंतु अब गाड़ी देखते ही रास्ता बदल ले रहे हैैं। पहले इसी थाना में हर रोज छोटी-छोटी शिकायतें लेकर भी लोग पहुंच जाते थे। सरायढेला में पीएमसीएच रहने के कारण भी लोगों का आना-जाना लगा रहता था। मगर, अब तो स्थिति बदल गई है।

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