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Indian Railway: हावड़ा-नई दिल्ली के बीच दौड़ेंगी सेमी हाई स्पीड ट्रेनें, तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार

धनबाद के प्रधानखंता से पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक स्पीड बढ़ाने के लिए 1926.6 करोड़ खर्च का अनुमान है। इसके लिए धनबाद रेल मंडल से जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी गई है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 07:23 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 07:23 AM (IST)
Indian Railway: हावड़ा-नई दिल्ली के बीच दौड़ेंगी सेमी हाई स्पीड ट्रेनें, तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार
Indian Railway: हावड़ा-नई दिल्ली के बीच दौड़ेंगी सेमी हाई स्पीड ट्रेनें, तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार

धनबाद [तापस बनर्जी]। हावड़ा से नई दिल्ली के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने को लेकर तैयारियों ने रफ्तार ले ली है। इसमें कानपुर-नई दिल्ली के साथ-साथ कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग को भी शामिल किया गया है। 1525 किमी लंबे रेल मार्ग पर 160 से 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टे्रन चलाने के लिए कई बदलाव होंगे। सिग्नल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल विभाग की ओर से होनेवाले बदलाव के लिए प्राक्कलित राशि 6974 करोड़ है। रेलवे ने नई दिल्ली से हावड़ा तक अलग-अलग जोन को इस प्रोजेक्ट के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। कहा गया है कि रेलवे बोर्ड और आरडीएसओ लखनऊ की ओर से किए गए परीक्षण में कई खामियां मिली है। उन खामियों को दूर करने संबंधी विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है।

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धनबाद के प्रधानखंता से पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक स्पीड बढ़ाने के लिए 1926.6 करोड़ खर्च का अनुमान है। इसके लिए धनबाद रेल मंडल से जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी गई है। रेलवे के विभागीय अधिकारियों के अनुसार, प्रधानखंता से मुगलसराय के बीच 160 से 200 किमी की गति से टे्रन चलाने के लिए 10 हाई थ्रस्ट क्लैंप टाइप प्वाइंट मशीन लगाई जा रही हैं। मतारी स्टेशन के पास मशीन लगाई जा चुकी है। इसकी मदद से ट्रैक को मजबूती मिलेगी।

लगाए जाएंगे टे्रन प्रोटेक्शन वॉर्निंग सिस्टम : 160 किमी प्रति घंटा की गति या उससे अधिक रफ्तार से टे्रन चलाने के लिए यह जरूरी होगा कि चालक को सिग्नल और इंटरलॉकिंग की जानकारी मिलती रहे। ऐसा न होने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। इसके लिए इस रूट पर टे्रन प्रोटेक्शन वॉर्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे चालकों को दुर्घटना रहित रेल परिचालन में सहूलियत होगी।

ब्लॉक प्रूविंग एक्सल काउंटर से एक पटरी पर नहीं आएंगी दो ट्रेनें: सेमी स्पीड ट्रेनों के चलने के साथ ही यह व्यवस्था भी की जाएगी कि एक पटरी पर दो टे्रनें न आ जाएं। इसके लिए ब्लॉक प्रूविंग एक्सल काउंटर लगाए जाएंगे। एक्सल काउंटर एक से दूसरे स्टेशन तक जानेवाले टे्रनों के एक्सल यानी पहिए गिन लेगा। सभी पहिए गुजर जाने के बाद ही सिग्नल बदला जा सकेगा। दो स्टेशन के बीच अगर ट्रेन दो हिस्से में बंट गई तो इसकी सूचना भी आसानी से मिल जाएगी।


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