SBI Shikaripara Branch Scam: चुनावी चक्कर में कर्जदार बन किया घोटाला, रचाई है तीन शादी; हैरान करने वाली घाटोलेबाज बैंक मैनेजर की कहानी
SBI Shikaripara Branch Scam पिछले विधानसभा चुनाव में वह राजमहल से चुनाव लडऩा चाहता था। इसके लिए पानी की तरह पैसा बहाया था। भाजपा से टिकट चाहता था। इसी क्रम में कर्जदार बन गया।
दुमका, जेएनएन। SBI Shikaripara Branch Scam भारतीय स्टेट बैंक की शिकारीपाड़ा शाखा के प्रबंधक मनोज कुमार ने 1.15 करोड़ रुपये का घोटाला किया। वह लोन खातों में जमा-निकासी कर हेराफेरी करता था। राशि बढ़ सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में वह राजमहल सीट से चुनाव लडऩा चाहता था। इसके लिए पानी की तरह पैसा बहाया था। इसी क्रम में कर्जदार बन गया। कर्ज चुकाने के लिए घोटाला किया। चार सितंबर को वह 10.50 लाख रुपये लेकर बैंक से फरार हो गया था। उसके साथ सफाईकर्मी भी भागा था। उससे एक दिन पहले एक खाताधारक ने शिकायत की थी कि उनके लोन खाते में दो दिनों में 84 लाख रुपये डाले गए और तुरंत निकाल लिए गए। इन दोनों मामलों की जांच से घोटाले का खुलासा हुआ।
पुलिस ने भागलपुर से किया बैंक मैनेजर को गिरफ्तार
प्रबंधक को पुलिस ने गुरुवार को भागलपुर के शिवगंगा अपार्टमेंट से दबोचा था। वह अपने एक रिश्तेदार के घर में था। बैैंक का सफाईकर्मी सुनील मंडल भी वहीं मिला। प्रबंधक के पास से 1.48 लाख रुपये बरामद हुए।
शुक्रवार को एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि कर्ज चुकाने के लिए प्रबंधक ने इतना बड़ा घोटाला किया। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि किन लोगों से कर्ज लिया था। उसके फरार होने के बाद एसआइटी का गठन कर मनोज के पटना, साहिबगंज व भागलपुर आवास पर छापेमारी की गई। उसके परिजनों के खाते भी सील कर दिए गए हैं। बैंक के अन्य दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद स्पष्ट होगा कि उसने कुल कितनी राशि का गबन किया है।
तीन शादी, एक पत्नी ने कर रखा दहेश उत्पीड़न का केस
एसपी ने बताया कि प्रबंधक ने तीन शादियां की हैं। बिहार की पश्चिमी चंपारण निवासी एक पत्नी ने उसके खिलाफ दहेज प्रताडऩा का केस किया था। सुनील की पत्नी बेबी देवी के खाते में उसने 27 लाख रुपये डाले थे और आइसीआइसीआइ बैंंक में एक फाइनेंस कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर निकाल लिया। कंपनी के बारे में पता किया जा रहा है। अन्य ग्राहकों के खाते से भी 79 लाख रुपये की जमा-निकासी की गई। एटीएम में कम डालकर अधिक पैसा दिखाने के नाम पर 26 लाख की धोखाधड़ी की। इस कार्य में बैंक के अन्य कर्मी व बाहरी का भी सहयोग लिया। कैशियर सुधीर बाउरी भी शक के दायरे में है। दुमका से भागने के बाद वह कोलकाता गया और एटीएम से कुछ पैसा भी निकाला। वहां से पटना और फिर भागलपुर आकर छिप गया। मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई।