मोक्ष प्राप्ति करने के लिए करें षटतिला एकादशी में भगवान विष्णु को तिल से पूजन
जिले में हिंदू धर्म में एकादशी का अत्यंत अधिक महत्व है। कहा गया है कि अगर व्यक्ति सच्चे मन से एकादशी के व्रत को करे तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।
जासं, धनबादः जिले में हिंदू धर्म में एकादशी का अत्यंत अधिक महत्व है। कहा गया है कि अगर व्यक्ति सच्चे मन से एकादशी के व्रत को करे, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। भुईफोड़ मंदिर के पुजारी सुभाष पांडेय के अनुसार यह एकादशी इस बार 28जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त अपने नाम के अनुरूप षटतिला एकादशी के दिन तिल को छह प्रकार से प्रयोग में लाया जाता है। इस दिन तिल का उबटन लगाना, तिल मिश्रित जल से स्नान करना, तिल से तर्पण करना, तिल से हवन करना, तिल का दान करना और तिल का सेवन किया जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु का तिल से पूजन किया जाता है। इससे समस्त प्रकार के सुख-वैभव, भोग और मोक्ष प्राप्त होते हैं। यह एकादशी जिले के हीरापुर, धनसार, सरायढ़ेला, मटकुरिया सहित अन्य जगहों के लोग मनाते हैं।
षटतिला एकादशी में तिल का बेहद खास महत्व
षटतिला एकादशी पर भक्त उपवास रखते हैं और जो उपवास नहीं रख रहे हों या व्रत रखने में सक्षम न हों तो आशिंक रूप से उपवास रख सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सख्त उपवास नियमों की तुलना में भगवान से प्यार अधिक महत्वपूर्ण है। षटतिला एकादशी व्रत में तिल का बेहद खास महत्व है। स्नान, दान, भोजन, तर्पण व प्रसाद सभी में तिल का उपयोग किया जाता है। तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोजन और तिल का दान के कारण यह षटतिला एकादशी कहलाती है।
षटतिला एकादशी करने से कन्यादान के बराबर मिलता है पुण्य
पुराणों के अनुसार बताया गया है कि जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान करने से मिलता है, उससे कहीं ज्यादा फल एकमात्र षटतिला एकादशी का व्रत करने से भक्तों को मिलता है। इसलिए जिले में षटतिला एकादशी करने वाले भक्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
षटतिला एकादशी पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 जनवरी को देर रात 02: 16 मिनट से शुरु होकर 28 जनवरी की ही रात 11: 35 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में षटतिला एकादशी का व्रत 28 जनवरी को रखा जाएगा।