West Bengal Chunav 2021: शंख विश्वास! ममता राज में खोली खाकी; भगवा उदय पर पहनी खादी...अब तख्त बदलने की तैयारी
शंख विश्वास। बंगाल सरकार के पूर्व पुलिस पदाधिकारी। 2011 में ममता बनर्जी पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी तो शंख विश्वास के बुरे दिन शुरू हो गए। डांट-फटकार शुरू हो गई। हालत यह हो गई कि शंख विश्वास ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
आसनसोल [अश्विनी रघुवंशी] : शंख विश्वास। बंगाल सरकार के पूर्व पुलिस पदाधिकारी। 2011 में ममता बनर्जी पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी तो शंख विश्वास के बुरे दिन शुरू हो गए। डांट-फटकार शुरू हो गई। हालत यह हो गई कि शंख विश्वास ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। ममता सरकार में इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया गया। जांच बैठा दी गई। आखिरकार उच्च न्यायालय गए। मुकदमा लड़ा तो इस्तीफा स्वीकार हुआ। खाकी खोलने के बाद शंख भाजपा से जुड़ गए। साधारण कार्यकर्ता की तरह।
पुलिस सेवा का बड़ा हिस्सा बद्र्धमान जिले में गुजरा है। सो, लोकसभा व विधानसभा चुनाव मेंं सक्रिय रहें। बीते एक साल से जो भी भाजपा कार्यकर्ता मुकदमे में फंस रहे हैैं, शंख विश्वास उनके लिए वकील खोज रहे हैैं। एक दर्जन से अधिक भाजपा समर्थकों की जमानत करा चुके हैैं। जमुडिय़ा के भाजपाइयों का बड़ा तबका उन्हें बतौर उम्मीदवार देखना चाहता है। टिकट की दावेदारी से इतर शंख चुनाव प्रचार में लगे हुए हैैं। दीवारों पर कमल फूल बना रहे हैैं। घर-घर झंडा लगवा रहे हैैं।
1995 में शंख विश्वास पुलिस पदाधिकारी बने थे। बद्र्धमान जिले में दुर्गापुर, अंडाल, जमुडिय़ा, बाराबनी में लंबे समय तक थानेदारी की। तब वाम मोर्चा काा शासन था। तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व के पास शिकायत गई थी कि शंख विश्वास वाम सरकार के कहे के मुताबिक कार्य कर रहे हैैं। सो, ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी तो शंख पर आफत आ गई। शंख विश्वास कहते हैैं, 'नौकरशाही को सरकार के आदेश के मुताबिक कार्य करना होता है। उन्होंने सरकार के आदेश का पालन किया तो व्यक्तिगत खुन्नस निकाली गई। नौकरी छोडऩे के लिए शंख को हाईकोर्ट तक जाना पड़ा। इस बीच उनके खिलाफ जांच पर जांच के आदेश दिए जाते रहे। शंख वो सब भूले नहीं है। इसलिए बद्र्धमान जिले में भाजपा के लिए वो सब कुछ करने को आतुर हैैं, जिससे संगठन सबल हो। वैसे, तृणमूल नेताओं की मानें तो शंख विश्वास ने पुलिस अधिकारी रहते गलत किया था तभी ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद कार्रवाई की गई।
मुकदमों में अकारण फंसाने से भाजपा के लिए बढ़ा झुकाव
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के पास शिकायत गई थी कि कार्यकर्ताओं को अकारण मुकदमों में फंसाया जा रहा है। गैर जमानती धाराएं लगाई गई है ताकि चुनाव तक जेल के भीतर रहे। भाजपा नेतृत्व ने शंख को जवाबदेही दी कि झूठे केस में फंसे कार्यकर्ताओं की मदद करें। जिस कार्यकर्ता को छुड़ाने के लिए लोग आए, शंख ने निराश नहीं किया। नतीजतन, अब कार्यकर्ताओं का बड़ा समूह उन्हें जमुडिय़ा से चुनाव लड़ाना चाहता है।
वर्जन
ममता सरकार में इतना अत्याचार सहा हूं कि उसे बयां नहीं कर सकता। उनके जैसे अनेक लोग हैैं। वे ममता सरकार से जीते हैैं। भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी बहुत अत्याचार हुआ है। सो, भाजपा भी जरूर जीतेगी। जहां तक जमुडिय़ा से टिकट की बात है तो यह फैसला नेतृत्व को करना है, उन्हें नहीं।
शंख विश्वास, संयोजक, प्रशासनिक सेल, भाजपा