राम मंदिर निर्माण में विलंब के लिए देश की धीमी न्यायिक प्रक्रिया जिम्मेदार : शंकराचार्य
सुमेरू पीठ काशी के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्र नारायण सरस्वती का मानना है कि राम मंदिर में निर्माण में देरी के लिए धीमी न्यायिक प्रक्रिया जिम्मेदार है।
By Edited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 09:26 PM (IST)
संवाद सहयोगी, कतरास: सुमेरू पीठ काशी के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्र नारायण सरस्वती का मानना है कि राममंदिर निर्माण में विलंब के लिए देश की धीमी न्यायिक प्रक्रिया जिम्मेदार है। चिटाही स्थित रामराज मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पहुंचे शंकराचार्य ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं जिनपर रात को कोर्ट में सुनवाई हुई है। समाज में विषमता फैलानी वाली, जघन्य अपराध सहित कई मामलों में शीघ्र फैसले आ गए, लेकिन लोगों की आस्था से जुड़े हुए राम मंदिर निर्माण से जुड़े मामले में तारीख पर तारीख मिल रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो फैसला छह माह में हो जाना चाहिए था वह आठ साल बीतने के बाद भी नहीं हो पाया है। रामराज का मतलब है कि राजा अनैतिक कार्य करे तो प्रजा उसे रोके। रामराज से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में काम करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में कहा कि पति-पत्नी के रहते दूसरी शादी रचाना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। डायन कह किसी महिला को प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।
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