इंडोनेशियाई नागरिकों को मस्जिद में ठहरानेवाले सदर-सेक्रेटरी पुलिस की पकड़ से बाहर, चोरी-छिपे रखने का आरोप Dhanbad News
इंडोनेशियाई नागरिकों को गोविंदपुर के आसनबनी मजिस्द में चोरी-छिपे रखवाने के आरोपित मजिस्द के सदर तथा सेक्रेटरी को पुलिस अब तक नहीं ढूढ़ पाई है।
धनबाद, जेएनएन। टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर धर्म प्रचार करनेवाले 10 इंडोनेशियाई नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है, परंतु बगैर पुलिस को सूचना दिए उन इंडोनेशियाई को गोविंदपुर के आसनबनी मजिस्द में चोरी चुपके रखवाने के आरोपित मजिस्द के सदर तथा सेक्रेटरी को पुलिस अब तक नहीं ढूढ़ पाई है। महत्वपूर्ण बात है कि देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर कुछ जमाती पुलिस अनुसंधान के घेरे में है। पुलिस हर दिन ऐसे जमानतियो का पता लगा रही है।
ऐसे में 10 इंडोनेशियाई तथा दो महाराष्ट्र के रहनेवाले लोगों को गोविंदपुर के आसनबनी मस्जिद में चोरी छुपके रखने के आरोपित मजिस्द के सदर मो. गुलाम मुस्तफा तथा सेक्रेटरी मो. शौकत अंसारी को पुलिस अब तक नहीं गिरफ्तार कर पाई है। दोनों के खिलाफ पुलिस ने बगैर थाने के सूचना दिए लॉकडाउन के दौरान एक साथ 12 लोगों को मस्जिद में रखने तथा टूरिस्ट वीजा पर आकर लगातार धर्म प्रचार करने का मामला गोविंदपुर थाने में दर्ज किया है।
गौरतलब है कि जब कोरोना वायरस के फैलाव को लेकर लोग एक दूसरे के संपर्क में आने से परहेज कर रहे हैं। संक्रमण का खतरा इतना है कि पड़ोसी भी दूसरे जिला या राज्य से लौटे लोगों की सूचना तत्काल पुलिस को दे रहे हैं। ऐसे हालत में सदर तथा सेक्रेटरी पुलिस की पकड़ से कैसे बाहर है? लंबे समय तक इंडोनेशियाई व महाराष्ट्र के लोगों को सहारा देने के बाद भी दोनों संक्रमित हुए हैं या नहीं, इसकी भी जानकारी फिलहाल किसी के पास नहीं है।
हालांकि दो दिन पूर्व ही पुलिस ने इस मामले में महाराष्ट्र के रहनेवाले मो. जफर तथा मो. मसूद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज चुकी है। मालूम हो कि पिछले सप्ताह ही पुलिस ने 10 इंडोनेशियाई नागरिकों की 14 दिन क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।