DGMS ने सिंफर की रिपोर्ट पर दी सहमति, अब भूमिगत खदानों में साइड वाल फाल रोकने के लिए लागू होगा रुफ बोल्ट सिस्टम
कोल इंडिया की सबसे सुरक्षित खदानों की श्रेणी में शामिल मुनीडीह भूमिगत खदान में साइड वाल के गिरने से दो श्रमिक की मौत हो जाने के बाद यह अध्ययन कराना जरूरी समझा गया। अध्ययन के बाद अब देश भर के कोयला खदानों में इसको लागू किया जा रहा है।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद। अब कोयला खदानों में रूफ की सुरक्षा के साथ साथ साइड वाल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भूमिगत खदानों में अब साइड वाल फाल रोकने के लिए रुफ बोल्ट सिस्टम को लागू किया जाएगा। यह सिस्टम पहले खदान में उपरी छत (रूफ) को रोकने के लिए किया जाता है। इस सिस्टम को खान सुरक्षा महानिदेशालय ने सिंफर के अध्ययन रिपोर्ट के बाद अनुमति दी है। कोल इंडिया, टाटा, सेल सहित अन्य भूमिगत खदानों में इसका पालन करना होगा। खासकर जहां रोड हेडर या लांग वाल मशीन के जरिए कोयला खनन किया जा रहा है।
कोल इंडिया की सबसे सुरक्षित खदानों की श्रेणी में शामिल मुनीडीह भूमिगत खदान में साइड वाल के गिरने से दो श्रमिक की मौत हो जाने के बाद यह अध्ययन कराना जरूरी समझा गया। तीन माह तक चली वैज्ञानिक अध्ययन के बाद अब देश भर के कोयला खदानों में इसको लागू किया जा रहा है। सिस्टम के तहत अब 1.2 मीटर दूरी बनाकर ढेड़ मीटर व उससे अधिक दो मीटर अंदर बोल्ट को पैक किया जाएगा, ताकि साइड वाल की पकड़ बनी रही। डीजीएमएस ने घटना की जांच निदेशक मुकेश सिन्हा ने की थी। सिन्हा ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि यह अलग तरह की घटना है। इसका वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी है। वैसे अधिकारियों को खान सुरक्षा को लेकर सचेत रहने की सलाह दी गई है।
सिफंर के वैज्ञानिकों ने किया ध्ययन
बीसीसीएल की ओर से वैज्ञानिक अध्ययन की जिम्मेवारी सिंफर को दी गई थी। सिफंर के माइनिंग विभाग के वैज्ञानिक गौतम बनर्जी ने मुनीडीह भूमिगत खदान सहित अन्य खदानों में अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर सौंपी है। इस रिपोर्ट के लिए सिंफर को करीब 8 लाख का भुगतान किया गया।
23 फरवरी को हुई थी मुनीडीह खदान में घटना
मुनीडीह भूमिगत खदान में 23 फरवरी को साइड वाल करीब 35 मीटर लंबा व 1.5 मीटर मोटाई का गिरने से दो श्रमिक निर्मल गोराइ व विजय यादव की मौत हो गई थी। रोड हेडर मशीन से उत्पादन होने के दौरान साइड वाल फाल होने से इस तरह की पहली घटना थी जब किसी श्रमिक की मौत हुई थी।
क्या कहते है अधिकारी
सिंफर से वैज्ञानिक अध्ययन के बाद साइड वाल स्पोर्ट को बेहतर करने की दिशा में रुफ बोल्ट सिस्टम लागू किया जा रहा है। ताकि साइड वाल की घटना को रोका जा सके। डीजीएमएस भूमिगत खदानों में इस सिस्टम को लागू करने को लेकर अनुमित प्रदान कर दी है।
-बीएल मिणा, उप महानिदेशक सेंट्रल जोन डीजीएमएस
सिफंर के माइनिंग विभाग के वैज्ञानिक गौतम बनर्जी की टीम ने अध्ययन रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट डीजीएमएस, बीसीसीएल मुख्यालय को सौंप दी है। अब साइड वाल स्पोर्ट सिस्टम रुफ बोल्ट सिस्टम की तरह खदान में किया जाएगा। डीजीएमएस ने इसकी अनुमति दी है। साइड वाल फाल होने से दो श्रमिक की मौत फरवरी में हो गई थी।
- जेएस महापात्रा, महाप्रबंधन, डब्ल्यूजे मुनीडीह क्षेत्र