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कतरी नदी में कचरा फेंके जाने नदी हो रही है संकीर्ण, अस्तित्व पर खतरा

कलकल छलछल कर बहने वाली कतरी नदी का जलधारा ठहर सी गई है। कई जगहों छोटे बड़े पुल बनाया गया है तो कई जगहों पर नदी के किनारे कचरा फेंके जाने से अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गई है।

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:50 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 06:00 PM (IST)
कतरी नदी में कचरा फेंके जाने नदी हो रही है संकीर्ण, अस्तित्व पर खतरा
कलकल छलछल कर बहने वाली कतरी नदी का जलधारा ठहर सी गई है।

संवाद सहयोगी, कतरास: कलकल छलछल कर बहने वाली कतरी नदी का जलधारा ठहर सी गई है। कई जगहों छोटे बड़े पुल बनाया गया है तो कई जगहों पर नदी के किनारे कचरा फेंके जाने से अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गई है। कतरास तथा आसपास के इलाके में कई पर नदी की धार को रोक कर पुलिया बना कर नाला का रूप दिया गया है। कतरास सूर्य मंदिर से शिव मोहल्ला जाने वाले मार्ग तथा गजलीटांड़ शिव काली मंदिर के समीप नदी में बड़ी बड़ी पाइप डाल कर आने जाने का रास्ता बनाया गया है।

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वहीं शहर की गंदगी को नदी के किनारे डालने से संकीर्ण होता जा रहा है। कतरासगढ राजवाड़ी रोड, रामकनाली पुल तथा केशलपुर कुम्हार पट्टी रोड इसका जीता जागता प्रमाण है। धान मील से लेकर पुल तक नदी के किनारे कचरे का ढेर लग गया है।

इस दिशा में न तो नगर निगम प्रशासन का ध्यान है और ना ही स्थानीय प्रबुद्घ जनों का। कचरा का ढेर धीरे धीरे पांव पसारने लगा है जिससे नदी संकीर्ण होता जा रहा है। अगर इस दिशा में अगर ठोस पहल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में नदी का अस्तित्व पर खतरे उत्पन्न हो जाएगा। जल, जंगल व जमीन बचाओ अभियान के लिये घातक सिद्ध होगा।


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