SNMMCH Dhanbad: ठीक नहीं यह व्यवस्था, कहीं तीमारदार ही न हो जाएं बीमार
SNMMCH Dhanbad में मरीजों की सही से देखरेख नहीं होने की वजह से रात में तीमारदारों को यहां रुकना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज से आने वाले लोग रात में यहीं रहते हैं। इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। तीमारदार वार्ड के अंदर फर्श पर भी लेटे रहते हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर जिले में अलर्ट जारी है। लेकिन यह अलर्ट महज कागजों पर ही चल रहा है। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (एसएनएमएमसीएच) कोविड के निर्देशों का कोई पालन नहीं हो रहा है। आलम यह है कि रात में तीमारदारों को वार्ड के अंदर मरीजों के साथ रहना पड़ रहा है। जमीन पर ही तीमारदार सो रहे हैं। शारीरिक दूरी तो दूर लोग मास्क भी नहीं पहन रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के अलावा दूसरी कई गंभीर बीमारियां होने का भय है। लेकिन इस और अस्पताल प्रबंधन चिकित्सक व कर्मी सभी बेपरवाह बने हुए हैं।
तीमारदारों को नहीं होती जानकारी
अस्पताल में मरीजों की सही से देखरेख नहीं होने की वजह से रात में तीमारदार को यहां रुकना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज से आने वाले लोग रात में यहीं रहते हैं। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई अतिरिक्त व्यवस्था तीमारदारों के लिए नहीं की गई है। यही वजह है कि तीमारदारों को मजबूरी में अपने मरीज के बेड के नीचे जमीन पर सोना पड़ रहा है।
स्टील गेट में है नगर निगम का रैन बसेरा
नगर निगम की ओर से स्टील गेट में रैन बसेरा का निर्माण कराया गया है। लेकिन इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन मरीज अथवा उनके तीमारदारों को नहीं दे रहा है। ऐसे में तीमारदार अस्पताल परिसर में ही जहां-तहां रहते हैं। अस्पताल परिसर के अंदर भी अलग से रैन बसेरा बनाने की तैयारी वर्ष 2017 में की गई थी। लेकिन इस पर भी अभी तक कोई अमल नहीं किया जा सका है। लिहाजा अनजान में तीमारदार भी गंभीर संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।
तीमारदारों के लिए बरामदे में रहने को कहा गया है। वार्ड में जाने में संक्रमण को न्योता देना है। इस संबंध में विभागाध्यक्ष को निर्देशित किया जा रहा है।
-डा एके वर्णवाल, अधीक्षक