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DD Kisan Channel देख निरसा के किसान ने किया कमाल, कोयला क्षेत्र में शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती

रिंकू कुमार साव ने बताया कि वे दूरदर्शन के चैनल डीडी किसान देखकर खेती करने के लिए प्रेरित हुए। उनके पास खेती के लिए अपनी जमीन नहीं थी। चैनल के माध्यम से उन्हें पता चला कि जमीन लीज पर लेकर खेती की जा सकती है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 02:15 PM (IST)
DD Kisan Channel देख निरसा के किसान ने किया कमाल, कोयला क्षेत्र में शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती
स्ट्रॉबेरी के खेत में रिंकू साव ( फोटो जागरण)।

निरसा, जेएनएन। एक और जहां आज का युवा वर्ग खेती किसानी से दूर होकर दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी का काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर निरसा के रिंकू कुमार साव ने अपना खेत ना होते हुए भी लीज पर जमीन लेकर सब्जी की खेती कर अपना एवं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं। पिछले वर्ष से उन्होंने परवल उर्फ पटल की खेती शुरू की है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस वर्ष कम से कम 4 क्विंटल अटल का उत्पादन हो जाएगा। जिसके कारण उन्हें लागत से  दुगनी आमदनी हो जाएगी। स्ट्रॉबरी की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा चुके हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती धनबाद कोयलांचल में किसी कमाल से कम नहीं। कोयला खदान वाले इलाके में स्ट्रॉबेरी की खेती सुनकर हर कोई चकित हो जाता है।

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यहां से मिली खेती करने की प्रेरणा

रिंकू कुमार साव ने बताया कि वे दूरदर्शन के चैनल डीडी किसान  देखकर खेती करने के लिए प्रेरित हुए। हालांकि, उनके पास खेती के लिए अपनी जमीन नहीं थी। परंतु चैनल के माध्यम से उन्हें पता चला कि जमीन लीज पर लेकर खेती की जा सकती है। वर्ष 2016 में उन्होंने खुशरी पंचायत के किसानों से 6 एकड़ जमीन लीज पर लेकर सब्जी की खेती शुरू की।  किसान खरीफ फसल के बाद जमीन खाली छोड़ देते से और मजदूरी का काम करते थे।रिंकू कुमार साव का निरसा चौक पर चर्चित मिठाई एवं छोले भटूरे की दुकान है।  कॉमर्स से ग्रेजुएट करने के बाद अपनी दुकान में अपने पिताजी एवं बड़े भाई का सहयोग करते थे। परंतु उनके मन में हमेशा से खेती किसानी करने की लालसा लगी रहती थी  जिसे उन्होंने वर्ष 2016 से मूर्त रूप दिया।

पटल की खेती में मल्टीलेयर विधि का कर रहे  इस्तेमाल

रिंकू साव ने  ने बताया कि वह पटल की खेती मल्टी लेयर विधि से कर रहे हैं। इस विधि की जानकारी मध्य प्रदेश के सागर जिले में जाकर  प्राप्त की है।  इस विधि में मचान के सबसे ऊपर परवल या पटल  उसके नीचे की मचान पर नेनुआ का लत एवं सबसे नीचे धरती के सतह पर पालक साग एवं पपीता एवं धरती के नीचे अदरक की खेती एक साथ की जाती है।

एक बार लगाओ और 3 साल फसल उपजाओ

रिंकू साव ने बताया कि पटल का लत  एक बार लगाइए तथा तीन साल उससे सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं। मैंने 25 डिसमिल में पटल की पिछले वर्ष से शुरू की है जिसकी लागत 25000 आई  ।  बांकुड़ा से पटल का जड़ लाकर लगाया । उन्होंने बताया कि सब्जी की कोई भी खेती सिर्फ टमाटर को छोड़कर सब में दुगना से ज्यादा लाभ होता है। पटल की फसल अक्टूबर में लगाई जाती है व अप्रैल से सब्जी की बिक्री शुरू हो जाती है।

स्ट्रॉबेरी खेती की शुरुआत

रिंकू साव ने प्रयोग के तौर पर 2019 से स्ट्रेबरी की खेती भी की। स्ट्रॉबेरी  की खेती से  उन्हें अच्छा लाभ मिला है। इसकी बिक्री उन्होंने रांची एवं कोलकाता में की। वर्ष 2020 से उन्होंने इसकी खेती करने की तथा लागत से दुगना से ज्यादा की कमाई की।


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