रिहाना व ग्रेटा थनबर्ग को किसान आंदोलन पर बोलने का अधिकार नहीं : गोविदाचार्य
जागरण संवाददाता मैथन किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय पॉप सिगर रिहाना और पर्यावरण एक्टि
जागरण संवाददाता, मैथन : किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय पॉप सिगर रिहाना और पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के बयान पर प्रसिद्ध राष्ट्रवादी चितक केएन गोविदाचार्य ने आपत्ति जताई है। उन्होंने विदेशी सेलेब्स समेत दूसरे विदेशियों को भारत के मामलों से दूर ही रहने की नसीहत दी है। गोविदपुर के शहराज चेतना महाविद्यालय में तीन दिवसीय शिक्षा विकास संगम चितन शिविर में शिरकत करने पहुंचे केएन गोविदाचार्य ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा कि पॉप सिगर रिहाना, पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग जैसे विदेशियों को किसान आंदोलन पर बोलने का अधिकार नहीं है। भारत के मामलों की चिता करना छोड़ ये अपना देश संभाले। उनलोगों को भारत के बारे में कुछ भी पता नहीं। भारत अपना मामला सुलझाने में सक्षम है। भारत सरकार को अपने स्तर से विदेशियों के हस्तक्षेप पर खंडन करना चाहिए। हमारा संगठन भी इस पर विरोध करेगा। साथ ही गोविदाचार्य ने कृषि बिल पर बीच का रास्ता निकालने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि संवाद के माध्यम से ही कृषि बिल व किसान आंदोलन का समाधान निकाला जा सकता है। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में अच्छा होगा की तीसरा पक्ष सरकार और किसान संगठन के बीच सामंजस्य स्थापित कर बीच का रास्ता निकाले। एक स्वतंत्र कमेटी बनाई जाए। सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कमेटी गठित है। उसमें सरकार और किसान संगठन के प्रतिनिधि रहे ही तीसरे पक्ष के लोग भी रहे। इस तरह परस्पर संवाद स्थापित कर कृषि बिल का रास्ता निकाला जाए।