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Unlock 1.0 Guidelines: कोरोना काल में देश से अलग चल रहा झारखंड, 30 जून तक धनबाद के धार्मिक स्थल नहीं खुलेंगे

उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद धनबाद में सभी धर्मों के धार्मिक स्थल खुल जाएंगे। झारखंड सरकार ने 30 जून तक ढील नहीं देने का निर्णय लिया है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 09:35 PM (IST)
Unlock 1.0 Guidelines: कोरोना काल में देश से अलग चल रहा झारखंड, 30 जून तक धनबाद के धार्मिक स्थल नहीं खुलेंगे
Unlock 1.0 Guidelines: कोरोना काल में देश से अलग चल रहा झारखंड, 30 जून तक धनबाद के धार्मिक स्थल नहीं खुलेंगे

धनबाद, जेएनएन। इसे कोरोना वायरस रोकने के लिए झारखंड सरकार की ज्यादा सक्रियता कहें या राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई, कोरोना काल में देश से अलग राह पर झारखंड चल रहा है। Lockdown के दाैरान केंद्र सरकार द्वारा जारी हर दिशा-निर्देश के अनुपालन में झारखंड सरकार ने अपनी अलग ही लाइन पकड़ी है। सरकार की ओर से अनलॉक-1 के लिए जारी दिशानिर्देशों के तहत सोमवार से देश के 17 राज्यों में मॉल, होटल-रेस्टोरेंट और धर्मस्थलों के दरवाजे खुल गए। लेकिन, झारखंड सरकार ने कोई ढील नहींं दी है। झारखंड में फिलहाल धार्मिक स्थल नहीं खुलेंगे। उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद धनबाद में सभी धर्मों के धार्मिक स्थल खुल जाएंगे। झारखंड सरकार ने 30 जून तक ढील नहीं देने का निर्णय लिया है। इससे भक्तों को निराशा हुई है। 

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केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण पूरा होने से एक दिन पहले 30 मई को देश में अनलॉक-1 के दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि पहले चरण में आठ जून से मॉल, होटल-रेस्टोरेंट और धर्मस्थलों को खोलने की अनुमति होगी। हालांकि राज्यों को स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से इस संबंध में फैसले की छूट दी गई है। केंद्र के दिशानिर्देश के बाद से ही राज्यों ने भी इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी। मॉल और होटल-रेस्टोरेंट को लेकर लगभग सभी राज्य केंद्र की ओर से तय शर्तों के हिसाब से छूट दे रहे हैं। इसके तहत शारीरिक दूरी और साफ-सफाई का पालन सभी के लिए अनिवार्य किया गया है। मॉल में आने-जाने के रास्तों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी।

सिर्फ धार्मिक स्थल, मॉल और पर्यटक स्थल के बाबत की झारखंड सरकार ने केंद्र से अलग निर्णय नहीं लिया है। केंद्र सरकार ने एक जून से देश भर में आवाजाही की छूट दे की है। इसके लिए किसी तरह की ई-पास की आवश्यकता नहीं है। लेकिन इस मामले में भी झारखंड सरकार ने अलग लाइन पकड़ी है। राज्य से बाहर जाने के लिए तो कोई पास की जरूरत नहीं है। आने के लिए पास चाहिए। इससे सबसे परेशानी सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को हो रहा है। झारखंड के धनबाद, बोकारो, जामताड़ा, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज जिले की सीमा प. बंगाल से लगती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। पास व्यवस्था लागू होने से परेशानी बढ़ गई है। लोग चारपहिया वाहन से प. बंगाल में चले जाते हैं तो आने के समय एंट्री ही नहीं मिलती है। इसके लिए दूसरे तरह का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। इससे अलग तरह का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। 

केंद्र सरकार की गाइडलाइन से इतर निर्णय लिए जाने का झारखंड के पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि झारखंड की सरकार का एकमात्र लक्ष्य भाजपा का विरोध करना है l प्रदेश की सरकार स्वयं दुविधा में है कि वह क्या करें और क्या नहीं करें l कोरोना के संक्रमण के दौरान जो भी निर्णय राज्य सरकार ले रही है, पहले उसका अप्रूवल कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय से लिए जाता है। इसके बाद मुख्यमंत्री उस पर अपना बयान देते हैं। चाहे वह प्रदेश में प्रवेश को लेकर एंट्री पास का मामला हो या कपड़े व जूते की दुकान को खोलने को लेकर l इससे आम जनता की परेशानी बढ़ती जा रही है। 


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