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JIADA: कीर्तिश्री जी ने संभाला क्षेत्रीय निदेशक का कार्यभार; बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में बनाएंगी इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल

90 के दशक के बाद में पहली बार किसी पूर्णकालिक क्षेत्रीय निदेशक की पदस्थापना हुई है। पूर्व की भाजपा सरकार ने बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार की स्वायत्तता समाप्त करते हुए झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार में समाहित कर दिया था।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 06:00 PM (IST)
JIADA: कीर्तिश्री जी ने संभाला क्षेत्रीय निदेशक का कार्यभार; बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में बनाएंगी इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी कीर्तिश्री जी

जागरण संवाददाता, बोकारो। झारखंड औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के बोकारो क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक कीर्तिश्री जी ने कार्यभार संभाल लिया है। शनिवार को अपने कार्यालय में दैनिक कार्यों का निष्पादन किया। उन्होंने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि सरकार की मंशा उद्योगों को बढ़ाने की है। उद्योग बढ़ेंगे तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राजस्व बढ़ेगा। इसके लिए बोकारो कार्यालय पूरी तरह सक्रिय रूप से काम करेगा। फिलहाल बोकारो, धनबाद और गिरिडीह के उद्योगों की जानकारी ली है। दूसरी तरफ बोकारो चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष संजय बैद के नेतृत्व में नवनियुक्त जियाडा की क्षेत्रीय निर्देशक कीर्तिश्री जी से उनके कार्यालय में मिला। एक पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया गया।

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तमाम कार्य होंगे ऑनलाइन, उद्यमियों को नहीं लगाने होंगे कार्यालय के चक्कर

क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि आने वाले एक माह में सारे कार्य ऑनलाइन हो जाएंगे। अब उद्यमियों को कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सारी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी जाएगी । चाहे विपत्र जमा करना हो या किसी अन्य प्रकार का आवेदन देना हो उद्यमी अपने उद्योग के कार्यालय से आवेदन कर सकते हैं। यदि उनका आवेदन सही होगा तो नियम संगत कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल सुविधा प्रदान की जाएगी । क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि बोकारो में विकास की असीम संभावनाएं हैं । आने वाले समय में अन्य बड़े उद्योगों को स्थापित करने के लिए जो भी प्रयास हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग उद्योगों का प्लॉट आवंटन कराकर कोई काम नहीं कर रहे हैं, उनके प्लॉट का आवंटन रद करते हुए , वैसे उद्यमियों को आवंटित किया जाएगा जो कि उद्योग संचालन करेंगे। कहा कि उद्योगों को बढ़ाने के लिए वह सदैव तत्पर रहेंगी। उनका लक्ष्य है कि जियाडा का क्षेत्रीय कार्यालय बोकारो राज्य में अव्वल बने। यहां के उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय नहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार खुले ।

15 वर्षों की लंबित मांग को सरकार ने पूरा किया

90 के दशक के बाद में पहली बार किसी पूर्णकालिक क्षेत्रीय निदेशक की पदस्थापना हुई है। पूर्व की भाजपा सरकार ने बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार की स्वायत्तता समाप्त करते हुए झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार में विलय कर दिया था। इससे प्रबंध निदेशकों की शक्तियां कम हुई और अनावश्यक कार्य में देरी होने लगी। पर वर्तमान सरकार ने बहुत सारे अहम मुद्दों में क्षेत्रीय निदेशक को शक्तियां प्रदान की है। लगातार उद्यमी संगठनों की मांग रही है कि बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।  ऐसे में इस के क्षेत्रीय निदेशक की पदस्थापना स्वतंत्र होनी चाहिए, लेकिन अधिकारियों की कमी कहे या सरकारों की और दूरदर्शिता जिले के उपायुक्त को ही अतिरिक्त प्रभार दिया जा रहा था। इस वजह से विगत कम से कम 15 वर्षों से उद्यमियों की समस्या को सही नजरिए से देखने का काम नहीं हुआ है। यही वजह है कि अविभाजित बिहार में सबसे पहला बहुराष्ट्रीय कंपनी की स्थापना करने वाला बियाडा आज रुग्ण इकाइयों का औद्योगिक क्षेत्र बनकर रह गया।  ऐसे में 2017 बैच की तेजतर्रार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कीर्तिश्री जी की पदस्थापना कर सरकार ने बोकारो औद्योगिक क्षेत्र को जीवंत करने का एक प्रयास किया है। हालांकि चुनौतियां भी कम नहीं है।

क्षेत्रीय निदेशक के समक्ष पांच बड़ी चुनाैतियां

  1. उद्योगों के लिए जमीन की व्यवस्था, बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अंतर्गत उद्योगों को देने के लिए जमीन नहीं है जबकि बोकारो धनबाद सिंदरी और गिरिडीह में उद्योग लगने की संभावना बहुत है। ऐसे में तीनों उपायुक्तों के साथ समन्वय स्थापित कर कम से कम एक हजार एकड़ जमीन की व्यवस्था करना क्षेत्रीय निदेशक की पहली प्राथमिकता के साथ-साथ चुनौती भी है।
  2. बंद पड़े उद्योगों को चालू करने के लिए उद्यमियों के साथ समन्वय स्थापित करना और उनकी समस्याओं का निराकरण करते हुए उन्हें चालू कराने के लिए प्रेरित करना।
  3. डमी उद्यमियों को बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के इलाके से बाहर करना क्षेत्रीय निदेशक के लिए बड़ी समस्या है। अकेले बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के बोकारो क्षेत्र में 100 से अधिक ऐसे उद्योग हैं जहां लोगों ने प्लॉट का आवंटन तो करा लिया लेकिन आज तक उद्योग चालू नहीं करा सके। अलबत्ता ऐसे उद्योगों में किराए का मकान बनाकर भाड़ा पर कमाया जा रहा है । कुछ लोगों में पशुपालन किया जा रहा है। इनमें से पचास से अधिक प्लाट नेताओं व वैसे प्रभावशाली लोगों का है जो केवल प्लाट लेकर खरीद व बिक्री का काम कर रहे हैं।
  4. बड़े पीएसयू के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर छोटे उद्योगों को कार्यादेश दिलाना : सबके-सामने बोकारो इस्पात संयंत्र, कोल इंडिया, डीवीसी, इलेक्ट्रो स्टील के साथ सार्वजनिक लोकउपक्रमों के साथ समन्वय स्थापित कर उद्यमियों को अधिक से अधिक काम मिल सके इसके लिए प्रयास करना।
  5. जियाडा की कार्य संस्कृति में बदलाव एवं खाली पड़े पदों पर नियुक्ति: जियाडा का क्षेत्रीय कार्यालय में कर्मचारियों की कमी के कारण तथा पूर्व की कार्य संस्कृति के वजह से आज भी उद्यमियों को कई प्रकार की समस्याएं झेलनी पड़ती है । इसके अतिरिक्त इसका धनबाद क्षेत्रीय कार्यालय मृतप्राय है । ऐसे में धनबाद, गिरिडीह और बोकारो में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के साथ कर्मियों की कार्य संस्कृति में बदलाव करना के लिए एक चुनौती भरा कार्य ।

बोकारो चेंबर ने किया स्वागत

बोकारो चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष संजय बैद के नेतृत्व में नवनियुक्त जियाडा की क्षेत्रीय निर्देशक कीर्ति श्री से उनके कार्यालय में मिला।एक पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया गया। संजय बैद ने नवनियुक्त क्षेत्रीय निदेशक कीर्ति श्री का ध्यान बियाडा की विभिन्न इकाइयों को हो रही परेशानियों से अवगत कराते हुए कहा कि जियाडा के तीव्र विकास हेतु आवश्यक है कि तेजी से बदल रहे तकनीकी युग में बोकारो की इकाइयों हेतु वर्कशॉप का आयोजन किया जाए जिसमें नई तकनीक से उत्पादन बढ़ाने एवं लागत कम करने से उन्हें अवगत कराया जाए। बोकारो औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों को निर्बाध एवं गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने, उन्हें पानी की उपलब्धता,औधोगिक क्षेत्र की सडको वं स्ट्रीट लाइट का अनुरक्षण कराने की मांग भी बैद ने की।

जमीन अधिग्रहण का सुझाव

संजय बैद ने क्षेत्रीय निदेशक को बताया कि बियाडा द्वारा अधिग्रहित जमीन अब लगभग समाप्त हो चुकी है। इसलिए नई जमीन का अधिग्रहण कर उद्योगिक क्षेत्र का विस्तार किया जाए साथ ही इन इकाइयों हेतु आवासीय परिसर को भी विकसित किया जाना चाहिए। संजय बैद ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र के नकारात्मक रवैए के कारण बोकारो की काफी औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई है और बाकी मरणासन्न अवस्था में पहुंच गई है। बैद ने कहा कि जियाडा प्राधिकरण को इस विषय पर सकारात्मक पहल कर स्थानीय औधोगिक इकाइयों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। बैद ने मांग की कि औधोगिक क्षेत्र में ईएसआई अस्पताल की सख्त आवश्यकता को देखते हुए इसका निर्माण करवाया जाए। इस अवसर पर चेंबर की महामंत्री महेश गुप्ता ने एक मांग पत्र क्षेत्रीय निदेशक को सौंपा। प्रतिनिधि मंडल में शामिल बिनय सिंह, देव कुमार पोद्दार,अनिल सिंह, शशांक अग्रवाल, राजकुमार जायसवाल ने भी स्थानीय इकाईयों के समक्ष आ रही विभिन्न समस्याओं से कीर्ति श्री को अवगत कराया।


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