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अब पुराने रूट पर चलेगी भारत की सबसे स्वच्छ ट्रेन, सप्ताह में लगाएगी छह फेरे

15 जून 2017 को डीसी रेल लाइन बंद होने से पहले शताब्दी एक्सप्रेस सप्ताह में रविवार को छोड़कर शेष सभी दिन चला करती थी। लेकिन, डीसी लाइन बंद होने के बाद इसका फेरा एक दिन घटा दिया।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 05:54 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:14 AM (IST)
अब पुराने रूट पर चलेगी भारत की सबसे स्वच्छ ट्रेन, सप्ताह में लगाएगी छह फेरे
अब पुराने रूट पर चलेगी भारत की सबसे स्वच्छ ट्रेन, सप्ताह में लगाएगी छह फेरे

धनबाद, जेएनएन। हावड़ा से रांची के बीच शताब्दी एक्सप्रेस से सफर करने वाले रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। रेलवे ने शताब्दी एक्सप्रेस का फेरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब यह गाड़ी सप्ताह में पांच दिन के बजाय छह दिन चलेगी। सिर्फ रविवार को बंद रहेगी। जाहिर है अब रेल यात्रियों को शताब्दी से सफर करने का सप्ताह में एक अतिरिक्त दिन मिलेगा। 

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इसलिए बढ़ाया जा रहा फेराः 15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेल लाइन बंद होने से पहले शताब्दी एक्सप्रेस सप्ताह में रविवार को छोड़कर शेष सभी दिन चला करती थी। लेकिन, डीसी लाइन बंद होने के बाद इसका फेरा एक दिन घटा दिया। सप्ताह में दो दिन यानी रविवार के साथ ही शनिवार को भी परिचालन स्थगित कर दिया गया। 24 फरवरी 2019 से डीसी लाइन पर फिर से रेल परिचालन शुरू हो रहा है। इस कारण रेलवे ने पूर्व ही तरह सप्ताह में शताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन छह दिन करने का निर्णय लिया है। 

24 से बदल जाएगा रूटः 15 जून 2017 को डीसी लाइन बंद होने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन वाया गोमो किया जा रहा था। यह ट्रेन हावड़ा से धनबाद होते हुए गोमो-चंद्रपुरा होकर रांची जाती थी। 24 फरवरी 2019 से डीसी लाइन पर फिर से रेल परिचालन शुरू हो रहा है। इसे देखते हुए शताब्दी को फिर से पुराने रूट पर चलाने का निर्णय लिया गया है। अब यह ट्रेन पहले ही तरह धनबाद-कतरास-चंद्रपुरा होते हुए रांची जाएगी और आएगी। 

देश की सबसे स्वच्छ ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेसः वाया धनबाद हावड़ा से रांची के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस साफ-सफाई के मानक पर देश की सबसे स्वच्छ ट्रेन है। रेलवे की एनवायरनमेंट एंड हाउसकीपिंग मैनेजमेंट शाखा ने 2018 में ट्रेन क्लीनलीनेस सर्वे किया था, जिसमें देश के 210 ट्रेनों की सफाई व्यवस्था और रखरखाव की पड़ताल की गयी थी। सर्वे के लिए ट्रेनों को प्रीमियम और नॉन प्रीमियम श्रेणियों में बांटा गया था।इसमें 15000 यात्रियों ने ट्रेनों को दो मानदंडों पर रेटिंग दी। इनमें से एक शौचालय की सफाई और दूसरा कोच की पर्याप्त सफाई उपलब्धता  के आधार पर शून्य से पांच तक की रैंकिंग दी। सर्वे के आधार पर शताब्दी एक्सप्रेस को सबसे स्वच्छ ट्रेन घोषित की गई। 


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