मधुबन तक रेलगाड़ी जाने की फिर जगी आस, रेलमंत्री से मिलकर सांसद महेश पोद्दार ने दिलाई याद
पारसनाथ से मधुबन और गिरिडीह को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का शिलान्यास चार मार्च 2019 को हुआ था। पारसनाथ स्टेशन गिरिडीह के तात्कालीन सांसद रवींद्र पांडेय और तात्कालीन डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा की मौजूदगी में शिलान्यास समारोह आयोजित हुआ था। शिलान्यास के बाद से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। भारतीय ही नहीं विश्व भर में प्रसिद्ध पारसनाथ के मधुबन तक रेलगाड़ी पहुंचने की आस फिर जग गई है। पारसनाथ स्टेशन से मधुबन तक रेल लाइन निर्माण योजना शुरू कराने को लेकर राज्य सभा सदस्य महेश पोद्दार रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिले हैं। उन्होंने झारखंड से कई ट्रेनों की शुरुआत करने के प्रस्ताव के साथ ही बहुप्रतिक्षित पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन परियोजना के लिए फंड आवंटन कराने का आग्रह किया है। रेलमंत्री ने उन्हें सकारात्मक पहल का भरोसा भी दिया है। उम्मीद है कि अब जल्द फंड अवंटन होगा और मधुवन तक रेल लाइन बिछाने की योजना रफ्तार लेगी। इससे पहले पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक स्तर पर यह बताया गया था कि रेल लाइन निर्माण की सभी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी हैं। फंड आवंटन होने पर परियोजना शुरू होगी।
चार मार्च 2019 को हुआ था पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल मार्ग का शिलान्यास
पारसनाथ से मधुबन और गिरिडीह को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का शिलान्यास चार मार्च 2019 को हुआ था। पारसनाथ स्टेशन गिरिडीह के तात्कालीन सांसद रवींद्र पांडेय और तात्कालीन डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा की मौजूदगी में पूरे विधि-विधान के साथ पूजा पाठ के बीच शिलान्यास समारोह आयोजित हुआ था। शिलान्यास के बाद से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
क्या है रेलवे का प्लान
रेलवे ने पारसनाथ से मधुबन और गिरिडीह को जोड़ने के लिए 49 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने का नक्शा तैयार किया। उसमें नई लाइन बिछाने के साथ ही कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन को कनेक्ट किया गया था। पारसनाथ से सलैया तक बिछने वाली लाइन सलैया से कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन से जुड़ जाएगी। इससे हावड़ा-नई दिल्ली मेन लाइन यानी आसनसोल, मधुपुर, जसीडीह और पटना वाले रेल मार्ग की ट्रेनें सलैया से पारसनाथ के बजाय सीधे कोडरमा की ओर जा सकेंगी।
पारसनाथ से गिरिडीह के बीच के प्रस्तावित स्टेशन: पारसनाथ से चैनपुर हाल्ट, इसके बाद मधुबन, फिर कुम्हारटोला, लखियाटांड़ हाल्ट व सलैया, सलैया से गिरिडीह व महेशमुंडा।
बजट में मिले महज एक हजार
पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन परियोजना के 2019 में शिलान्यास के दौरान इसकी लागत 451.43 करोड़ बताई गई गई थी। अब दो-तीन गुजर जाने के कारण लागत में बढ़ोतरी भी होगी। पर 2021-22 के बजट में इस परियोजना के लिए महज एक हजार रुपये स्वीकृत किए गए थे। जानकार बताते हैं कि जब किसी परियोजना में फंड की स्वीकृति नहीं मिलती तो उसे बंद माना जाता है। पर ऐसेी परियोजनाएं जिन्हें बंद नहीं करना है, पर तत्काल शुरू भी नहीं करना है। उनके लिए एक हजार की स्वीकृति देकर उन्हें जीवित रखा जाता है।