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साध्य के बिना साधना कैसी : साध्वी

धनबाद झारखंड मैदान हीरापुर धनबाद में दिव्य च्योति जाग्रति संस्थान के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 04:45 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:23 AM (IST)
साध्य के बिना साधना कैसी : साध्वी
साध्य के बिना साधना कैसी : साध्वी

धनबाद : झारखंड मैदान हीरापुर, धनबाद में दिव्य च्योति जाग्रति संस्थान के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। कार्यक्रम के अंतिम दिन में संस्थान के संस्थापक व संचालक सर्व आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी समीक्षा भारती ने गुरु की पहचान बताते हुए कहा कि सभी ग्रंथ शास्त्र इस सूत्र को बताते हैं कि कोई पूर्ण गुरु जीवन में आता है तो वह शिष्य को ब्रह्माज्ञान से उसके घट में ही ईश्वर का साक्षात्कार करवाता है। इस मौके पर उन्होंने उपासना के महत्व को विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि साध्य के बिना साधना नहीं हो सकती है। कहा कि महापुरुषों के बताए मार्ग पर ही चलना होगा। इसके लिए हमें ब्रह्मानिष्ठ सद्गुरु की शरण में जाना होगा। कथा के अंतिम क्षणों साध्वी ने कहा कि अंधकार को क्यों धिक्कारें, अच्छा हो कि एक दीप जलाएं। इस पर बताया गया कि अंधकार कितना भी पुराना क्यों न हो, लेकिन एक छोटा सा दीपक जलाते ही वह क्षण भर में खत्म हो जाता है। अंगुलीमाल दस्यु, गणिका वेश्या, सच्जन ठग आदि हमारे समक्ष उदाहरण हैं। इस कार्यकम में दीप प्रच्वलन में सासंद पशुपति नाथ सिंह, रंजीत सिंह, मयंक आदि मौजूद थे।

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